प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (26 दिसंबर) को लगे सूर्य ग्रहण को देखते हुए तस्वीर साझा की। पीएम मोदी अपनी तस्वीर को लेकर ट्रोल हो गए हैं लेकिन सबसे ज्यादा विवाद उनके चश्मे को लेकर हो रहा है। ट्विटरबाजों ने उनके चश्मे के दाम से लेकर उनके ब्रांड तक की खोज कर ली है। ट्विटर के कई यूजर ने दावा किया है कि पीएम मोदी ने जिस चश्मे को पहना है उसकी कीमत डेढ़ लाख है और पीएम मोदी द्वारा पहना गया चश्मा विदेशी कंपनी Maybach eyewear का है। ये जर्मनी की कंपनी है। Maybach eyewear दुनिया के सबसे मंहगे आईवियप कंपनी में से एक है। जिसके बाद से ट्विटर पर हैशटैग Maybach ट्रेंड करने लगा है।
कांग्रेस की मीडिया प्रभारी राधिका खेरा ने लिखा है, फकीर की फकीरी The “Artist” III - ₹1,55,000, कलेक्शन का नाम ग्राहक के हिसाब से उपयुक्त है!
एक यूजर ने लिखा, डेढ़ लाख का चश्मा पहनने वाले फकीर से मिले आप लोग ?
एक यूजर ने लिखा, देश की आर्थिक स्थिति खराब होते जा रही है और हमारे मोदीजी 1.5 लाख का चश्मा लगाकर फोटोशूट करा रहे हैं!
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पीएम मोदी की तुलना फकीर से क्यों कर रहे हैं ट्विटर यूजर
पीएम मोदी ने अपने कई चुनावी भाषणों में खुद को फकीर बताया है।
- 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी ने महाभारत युद्ध के बाद श्रीकृष्ण संवाद का उल्लेख करते हुए कहा था कि आज देश के कोटी-कोटी नागरिकों ने इस फकीर की झोली को भर दिया और भारत के 130 करोड़ नागरिकों का वह सिर झुका कर नमन करते हैं।
- 2016 में यूपी के मुरादाबाद रैली में पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था, ''हिन्दुस्तान की पाई-पाई पर अगर किसी का अधिकार है तो सवा सौ करोड़ देशवासियों का है। मैं आपके लिए लड़ाई लड़ रहा हूं। ज्यादा से ज्यादा (विरोधी) मेरा क्या कर लेंगे? हम तो फकीर आदमी हैं, झोला लेकर चल पड़ेंगे। ये फकीरी है, जिसने मुझे गरीबों के लिए लड़ने की ताकत दी है।'' पीएम मोदी अपने इस बयान को लेकर उस वक्त बहुत ट्रोल भी हुए थे।
बादलों की वजह से नहीं देख पाया सूर्य ग्रहण: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (26 दिसंबर) को लगे सूर्य ग्रहण को देखा। इस दौरान की तस्वीरें भी पीएम मोदी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, अन्य भारतीयों के तरह मैं भी सूर्य ग्रहण को लेकर उत्साहित था। लेकिन निराशाजनक तौर पर मैं बादलों की वजह से सूरज को नहीं देख सका। हालांकि मैंने कोझिकोड और अन्य जगहों की लाइव स्ट्रीम की मदद से सूर्य ग्रहण को देखा। विशेषज्ञों से चर्चा के दौरान इस विषय को लेकर मैंने अपना ज्ञान भी बढ़ाया है।'
यह साल का अंतिम सूर्य ग्रहण है लेकिन पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं है। इस बार चंद्रमा की छाया सूर्य का पूरा भाग नहीं ढक पाएगी। इस ग्रहण में सूर्य का बाहरी हिस्सा प्रकाशित रहेगा। साल के इस आखिरी सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिकों ने ‘रिंग ऑफ फायर’ का नाम दिया है। गुरुवार का सूर्यग्रहण भारत के अलावा सऊदी अरब, इंडोनेशिया, सिंगापुर, उत्तरी मारियाना द्वीप, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, श्रीलंका, मलेशिया में भी दिखा।