केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का एक वीडियो इस समय खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपनी सरकार के 'सर्वधर्म समभाव' की नीति को अपनाते हुए एक मुस्लिम समुदाय कार्यक्रम में बोल रहे है। पीयूष गोयल ने कार्यक्रम मे कहा कि वह अपनी पूजा की शुरुआत कलमा पढ़ने के साथ करता हूं।
आपको सबसे पहले बताता हूं कि पीयूष गोयल ने अपने भाषण में जिन शब्दों का जिक्र किया वह ऐसे थे, 'अभी-अभी आपने (जफर सरेशवाला) कहा कि मैंने (पीयूष गोयल) कुरान पढ़ी है, तो बैठे-बैठे याद आ गया, तो जफर भाई की अनुमति ली है कि अगर मैं शुरुआत कर सकूं उस छोटे वाक्य से जो हमने तब सीखा था जो मेरे मन में ऐसा बैठ गया है कि रोज सुबह जब मैं पूजा करता हूं तो उसमें वो वाक्य भी साथ में जोड़ता हूं। ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुन रसूलुल्लाह। और वास्तव में सभी धर्मों की ताकत है वो यही ताकत है कि जब हम सब अमन और शांति से एक-दूसरे के साथ मिलकर चलते हैं तभी पूरे देश का निर्माण होता है। तभी अच्छा माहौल बनता है।'
दरअसल, पीयूष गोयल का वायरल हो रहा वीडियो साल 2016 का है। केंद्रीय मंत्री एक मुस्लिम समुदाय की ओर से आयोजित किए गए 'तालीम की ताकत' कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस तालीम की ताकत अभियान को जफर सरेशवाला ने शुरू किया था, जिसका उद्देश्य विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले मुस्लिम छात्रों के लिए शुरुआत की गई थी। इसकी शरुआत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी चुना गया था। कहा जाता है कि जफर सरेशवाला पीएम नरेंद्र मोदी के करीबियों में से एक हैं।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर कट्टर हिन्दू छवि वाले लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। कहा जा रहा है बीजेपी हिन्दुत्व का एजेंडा छोड़कर तुष्टिकरण की राह पर निकल पड़ी है।
वहीं, बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी अक्सर कहते आए हैं कि हमारी सरकार 'सर्वधर्म समभाव' के लिए काम कर रही है। यही कारण की केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल सभी को साथ लेकर चलने की बात कहते हुए सुने गए थे।