महाराष्ट्र के मंत्री तानाजी सावंत ने तटीय रत्नागिरी जिले में तिवारे बांध में दारार पड़ने की घटना को ‘‘प्राकृतिक आपदा’’ बताते हुए कहा कि केकड़ों ने बांध की दीवारों को कमजोर कर दिया था, इसलिए ऐसा हुआ है। इस हादसे में अभी तक 18 लोगों की मौत हुई है। इसी बयान को लेकर 9 जुलाई को पुणे में एनसीपी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए मंत्री सावंत के घर के बाहर बड़ी संख्या में केकड़े छोड़ दिए हैं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वायरल वीडियो में देखा जा रहा है कि एनसीपी के कुछ कार्यकर्ता मंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके शरीर पर केकड़ो को निर्दोष बताता हुए पोस्टर है। इसी बीचे विरोध कर रहे कार्यकर्ता बोरे में भरकर लाए हुए केकड़ों को मंत्री के आवास के बाहर गिराने लगते हैं। हालांकि उनको बाद में सुरक्षाकर्मियों ने उनको रोकने की कोशिश की है।
सावंत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया है कि बड़ी संख्या में केकड़ों ने बांध की दीवार को कमजोर कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी संख्या में केकड़ों ने दीवार को कमजोर कर दिया है। इसकी सूचना सरकार को मिलते ही कई एहतियाती उपाय किए गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा गठित एसआईटी जल्द इस पर रिपोर्ट पेश करेगी और हमें जल्द पता चल पाएगा कि क्या दिक्कत आयी है।’’
चिपलुन तालुका में स्थित बांध में तटीय कोंकण क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के कारण गिर गई थी। मंत्री ने कहा, ‘‘ मात्र आठ घंटे के भीतर 192 मिमी बारिश हुई जो कि बांध जलग्रहण क्षेत्र में रिकॉर्ड है। मुझे मिली जानकारी के अनुसार बांध का पानी पिछले आठ घंटे में आठ मीटर बढ़ा है। ग्रामीणों को इसके बादल फटने के कारण होने की आशंका भी है।’’ मंत्री ने कहा कि हालांकि इसकी चर्चा समिति में की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक दुर्घटना थी, लेकिन मुझे लगता है कि आप अपनी किस्मत नहीं बदल सकते। जो भी होना है, वह होगा। यह एक प्राकृतिक आपदा की तरह है।’’ बांध की मरम्मत का काम खराब तरीके से होने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इसका एहसास तब हुआ जब बांध में पानी जमा होने लगा।’’ गौरतलब है कि जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने पिछले साल पुणे में मुथा नहर की दाहिनी दीवार गिरने के लिए चूहों को जिम्मेदार ठहरा कर एक विवाद खड़ा कर दिया था। (पीटीआई इनपुट के साथ)