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अंबानी परिवार को इनकम टैक्स नोटिस, ट्विटर पर घिरे पीएम, लोगों ने कहा- मोदी जी, अब तो अंबानी फैमिली का ब्लैकमनी डिटेल दो

By पल्लवी कुमारी | Updated: September 14, 2019 13:38 IST

इनकम टैक्स के नोटिस पर अखबार को दिए जवाब में हालांकि रिलायंस के प्रवक्ता ने सारे आरोपों को नकारा है। उन्होंने कहा है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से किसी भी तरह का कोई नोटिस नहीं मिला है।

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ठळक मुद्देआईटी डिपार्टमेंट ने अंबानी परिवार के खिलाफ 2011 में यह जांच शुरू की थी। जांच में 14 अकाउंट में से एक के बेनेफिशियरी के तौर पर अंबानी परिवार के लोगों का नाम शामिल है।

आयकर विभाग (इनकम टैक्स)  की मुंबई यूनिट ने कई देशों की एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर मुकेश अंबानी के परिवार को 2015 ब्लैक मनी एक्ट के तहत नोटिस भेजा है। इस नोटिस में श अंबानी की पत्नी नीता अंबानी और उनके तीन बच्चों के नाम भेजा गया। ये नोटिस 28 मार्च 2019 को भेजा गया था। अंबानी परिवार पर उनके ऊपर विदेशों में अघोषित आय और संपत्ति रखने का आरोप है। लेकिन इसकी खबर अब मीडिया में आई है। इस खबर के सामने आने के बाद ट्विटर पर Black Money Act और  #AmbaniBlackMoney ट्रेंड करने लगा है। इस हैशटैग के साथ लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टैग कर कह रहे हैं कि पीएम मोजी जी, अब तो आप अंबानी परिवार के ब्लैकमनी का सारा डिटेल निकाल ही दीजिए। 

ट्विटर पर अधिकारिक अकाउंट से सबक्कु शंकर ने ट्वीट किया है, डियर मोदी जी प्लीज अंबानी परिवार के ब्लैकमनी का सारा डिटले निकाल दीजिए। सबक्कु शंकर के ट्विटर पर 80 हजार फॉलोअर्स हैं।

रेडियो जॉकी रिया ने भी ट्विटर पर ट्वीट किया, क्या अंबानी परिवार को इनकम टैक्स का नोटिस मिला है और इस मीडिया में आने से रोका गया है। मोदी जी अब तो बता दीजिए कि 15 लाख कब तक मिलने वाले हैं?

एक यूजर ने कहा, मोदी ने इन अमीरों को बचाने के लिए देश की गरीब जनता को रूला रहे हैं। 

वहीं कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि जो पीएम मोदी पर अंबानी फैमिली को प्रोटेक्ट करने का आरोप लगाते हैं वो ये देख लें कि आयकर विभाग ने कैसे इनको नोटिस भेजा है। इनकम टैक्स विभाग के लिये देश का हर नागरिक एक समान है। 

2011 में भारत सरकार ने शुरू की थी ये जांच  

आयकर विभाग ने अंबानी परिवार के खिलाफ ये जांच उस वक्त शुरू की थी जब 2011 में भारत सरकार को जिनेवा के एचएसबीसी बैंक में खाता रखने वाले 700 भारतीय नागरिकों और कंपनियों की जानकारी मिली थी। इसके बाद इंडियन एक्सप्रेस और इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट ने 2015 में एक बड़ी जांच की थी। इसे 'स्विस लीक' कहा गया जिसमें जिनेवा के एचएसबीएस में खाताधारकों की संख्या बढ़कर 1195 हो गई थी।

टॅग्स :मुकेश अंबानीनीता अंबानीआयकरआयकर विभागनरेंद्र मोदी
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