जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्रों ने गुरुवार (9 जनवरी 2020) को मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक मार्च निकाला और जब उन्होंने राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ने का प्रयास किया तो उन्हें रोक दिया गया। जेएनयू परिसर में हमले को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाने की मांग के साथ बढ़ते प्रदर्शन के तहत निकाले जा रहे मार्च में कुछ छात्रों के साथ पुलिस की धक्कामुक्की हुई। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया। इसी बल प्रदर्शन के कुछ वीडियो ट्विटर पर वायरल हो रहे हैं। ट्विटर पर कुछ यूजर्स ने पुलिस द्वारा लाठी चार्ज के वीडियो को शेयर कर दावा किया है कि ये दिल्ली पुलिस है, जो जेएनयू के छात्रों पर मार्च के दौरान लाठियां बरसा रही है। इनमें से एक वीडियो में पुलिस महिला छात्र को भी पीट रही है।
लेखक इमरान प्रतापगढ़ी ने लिखा, 'दिल्ली पुलिस की महानता के कुछ दृश्य।'
कांग्रेस कार्यकर्ता श्रीवत्स ने लिखा, शाह को देखने का बाद खून उबलता है 'दिल्ली पुलिस ने एक महिला छात्र को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पीटा है।
कई ट्विटर यूजर्स ने कहा है कि दिल्ली पुलिस को शर्म करना चाहिए। कई यूजर्स कह रहे हैं कि हमारे देश में आखिर हो क्या रहा है। देखें प्रतिक्रिया
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत प्रदर्शनकारी छात्रों का नेतृत्व कर रहे विद्यार्थियों ने कहा कि वे अपनी मांग पर समझौता नहीं करेंगे, चाहे उनकी सुरक्षा को लेकर जो भी आश्वासन मिलते रहें। दिल्ली पुलिस जेएनयू में छात्रों तथा शिक्षकों पर नकाबपोश हमलों के चार दिन बाद भी किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। हालांकि पीसी करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उनकी पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
विश्वविद्यालय ने परिसर में पांच जनवरी को हुई हिंसा की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई है तथा छात्रों की सुरक्षा के लिए कदम सुझाये हैं। हमले में 35 लोग घायल हो गये थे। जेएनयू प्रदर्शनकारियों के हाथों में ‘हल्ला बोल’ और ‘इंकलाब जिंदाबाद’ नारे लिखे पोस्टर थे। मार्च में माकपा नेता सीताराम येचुरी, प्रकाश करात और बृंदा करात तथा भाकपा नेता डी राजा भी शामिल हुए। हालांकि पुलिस ने जेएनयू के छात्रों और शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों की मुलाकात मंत्रालय के अधिकारियों से कराई।