15 दिसंबर को नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर जामिया में हुई हिंसा से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। या यूं कह ले कि सबसे ज्यादा वायरल हुआ। इस वीडियो में पांच लड़कियां एक लड़के को बचाने की कोशिश करती दिख रही हैं। वीडियो में सुना जा सकता है कि लड़कियां पुलिस को 'गो बैक गो बैक' (पीछे हटो) बो रही हैं। वीडियो में नजर आ रही 5 लड़कियां और एक पीटने वाला लड़का सभी जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र हैं।
इस वीडियो में जो छात्र पुलिस की लाठियों से पीट रहा है उसका नाम है शाहीन अब्दुल्लाह है। शाहीन जामिया के कन्वर्जेंस जर्नलिज्म का छात्र है। पुलिस की लाठियां खाने के बाद फिलहाल शाहीन को काफी चोटें आई हैं। शाहीन ने इंडिया टूडे से बात करते हुए कहा कि उनकी दोस्त काफी हिम्मत वाली हैं, जिन्होंने उसे बचा लिया है।
शाहीन ने कहा, "पुलिस लगातार मुझे मार रही थी, क्योंकि मैंने उन्हें रुकने के लिए कहा था। यह बहुत दर्दनाक था। लड़कियां बहुत बहादुर थीं और उन्होंने मेरे चारों ओर एक ढाल बनाकर मेरी रक्षा करने की कोशिश की।"
शाहीन ने बताया, "लड़कियों ने बहादुरी से पुलिस का सामना किया और वापस जाने के लिए नारे लगाए। वे बहादुर मुझे एक साथ पकड़े हुए थे। एक बार जब लड़कियां मेरे सामने आईं, तो मैं बहुत चिंतित हो गया। पुलिसवाले लड़कियों और लड़कों के बीच अंतर नहीं कर रहे थे। वे सभी को मार रहे थे।''
शाहीन ने कहा कि वे अपने निवास के अंदर जा रहे थे और पुलिस ने उन्हें बाहर खींच लिया। शाहीन नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा था। शाहीन मकतूम मीडिया नाम के मीडिया संगठन के लिए काम भी करता है।
उन्होंने एक अन्य मीडिया संगठन से बात करते हुए बताया कि रविवार शाम के समय जब जामिया से विरोध मार्च निकल रहा था तब पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े तो हम लोग न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के एक घर में जा घुसे। पुलिस वाले हमारे पीछे आए और बोलने लगे कि तू बाहर निकल। यह पांचों लड़कियां मुझे बचाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैं जानता था कि पुलिस वाले इनको भी बहुत बुरी तरह से मारेंगे। इसलिए मैं आगे आया तो पुलिस वालों ने मुझे खींचकर मारना शुरू कर दिया।''
दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास हुई हिंसा में कथित तौर पर शामिल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों में कोई भी छात्र नहीं है।
विश्वविद्यालय रविवार (15 दिसंबर) को उस वक्त जंग के मैदान में तब्दील हो गया था जब पुलिस परिसर में घुस आई थी और वहां बल प्रयोग किया था। दरअसल, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा और आगजनी हुई थी जिसमें चार डीटीसी बसों, 100 निजी वाहनों और 10 पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की