26 फरवरी को भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों के कई ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। आतंकियों पर इस बड़ी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान किसी भी आतंकी के हताहत होने की बात से इनकार करता रहा है लेकिन एक ताजा ऑडियो में जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी जैश के ट्रेनिंग कैम्प पर एयर स्ट्राइक की बात स्वीकार कर रहा है। पाकिस्तान के निष्कासित पत्रकार ताहा सिद्दीकी ने जैश कमांडर का एक ऑडियो ट्वीट किया है। हालांकि लोकमत इस ऑडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता।
इस ऑडियो के मुताबिक, 'भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर एजेंसी की बिल्डिंग पर हमला किया है जहां एजेंसी के लोग मीटिंग करते थे। यहां जिहादियों को ट्रेनिंग दी जाती थी।' इस ऑडियो में भारत के पायलट अभिनंदन वर्तमान को वापस किए जाने पर इमरान खान की आलोचना भी की। इससे पहले भी कई मीडिया रिपोर्ट पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करती रही है।
चश्मदीद ने देखी थी दर्जनों लाशें
फर्स्टपोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में चश्मदीदों के हवाले से लिखा है कि जिस दिन भारत ने आतंकी ठिकानों पर बमवर्षा की उसके बाद वहां से करीब 35 आतंकियों के शवों को एम्बुलेंस से ले जाया गया। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की बमबारी के फौरन बाद स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंच गया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, 'लेकिन इलाके को आर्मी ने पहले ही खाली करा लिया था। यहां तक कि पुलिस वालों को भी प्रवेश की अनुमति नहीं थी। आर्मी ने एम्बुलेंस के मेडिकल स्टॉफ के मोबाइल फोन तक ले लिए थे।'
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी इंटर स्टेट इंटेलिजेंस (आईएसआई) का एक पूर्व अधिकारी जिसे कर्नल सलीम के नाम से जाना जाता था, वो भी मारा गया। इसके अलावा कर्नल जरार जाकरी और जैश ए मोहम्मद का आतंकी मुफ्ती मोइन भी मारा गया।
इलाके में प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों में भिन्नता पाई जा रही है। कई लोगों का मानना है कि जाबा टॉप में जैश-ए-मुहम्मद का कोई लड़ाका नहीं था। कई का मानना है कि जाबा टॉप में जैश ए मोहम्मद का एक अस्थायी कैम्प था जिसमें 12 फिदायीन रहते थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कुछ लोगों के घायल होने की बात सामने आई थी। हालांकि कई मीडिया संस्थानों ने रिपोर्ट किया कि उन्हें जाबा के सभी इलाकों में बिना अनुमति जाने की अनुमति नहीं दी गई।
इसके अलावा इंडियन एक्सप्रेस ने भी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि 26 फरवरी को हुई एयर स्ट्राइक में भारतीय मिराजों ने जैश-ए-मोहम्मद की चार इमारतें तबाह कर दी थी। यह इमारतें मदरसा तलीम अल कुरान के कैंपस में बनी हुई थी।