हैदराबाद में पशु-चिकित्सक के सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए चार आरोपी शुक्रवार सुबह पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारे गए। इस एनकाउंटर ने सबको हैरत में डाल दिया है। चारों आरोपी पुलिस रिमांड में थे और उन्हें गुरुवार देर रात नेशनल हाइवे-44 पर क्राइम सीन पर ले जाया गया था। जहां वह चारों आरोपी ने भागने की कोशिश की थी, जिसके बाद उन्हें एनकाउंटर में मारा गया। साइबराबाद पुलिस आयुक्त वी सी सज्जनर ने कहा, ‘‘चारों आरोपी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए।’’ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। जैसे ही चारों आरोपियों के एनकाउंटर की खबर सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई ट्रेंड चले। लेकिन इन ट्रेंड के साथ कई लोगों ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। कई लोगों का कहना है कि जिस तरीके से यह एनकाउंटर किया गया वह फेक लग रहा है।
कई यूजर ने यह भी लिखा है कि इन आरोपियों के साथ किसी को भी कोई सहानुभूति नहीं थी लेकिन यह न्याय करने का कोई तरीका नहीं है। वहीं तहसीन पूनावाला ने लिखा, संसद के भीतर कुछ सांसद रेप आरोपियों की पब्लिक लिचिंग करने की मांग करते हैं और पुलिस एनकाउंटर कर देती है। व्यवस्था दुरुस्त करने के बजाय पुलिस एनकाउंटर कर रही है। व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो चुकी है और हम कानूनविहीन देश की तरफ आगे बढ़ रहे हैं।
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चारों आरोपियों में मुख्य आरोपी का नाम मोहम्मद आरिफ है। 26 वर्षीय मुख्य आरोपी मोहम्मद आरिफ एक लॉरी ( ट्रक जैसी गाड़ी) चालक था। शिवा (20), एक ट्रक में ड्राइवर और क्लीनर के रूप में काम करता था, जबकि चिंताकुंता (20) और नवीन (20) दूसरे ट्रक में काम करते थे। 27 नवंबर की रात हैदराबाद की 26 वर्षीय महिला डॉक्टर का गैंगरेप और हत्या कर जला दिया गया था। 28 नवंबर की सुबह हाईवे-44 के एक ब्रिज के नीचे पीड़िता की लाश मिली थी।