‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का बीती रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था। लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय चंद्र सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया। ‘विक्रम’ ने ‘रफ ब्रेकिंग’ और ‘फाइन ब्रेकिंग’ चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया। इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं।
कई देशवासियों ने सोशल मीडिया पर वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई की और ट्विटर पर #ProudOfISRO ट्रेंड करने लगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लैंडर का संपर्क टूट जाने के बाद इसरो के वैज्ञानिकों से कहा,‘‘देश को आप पर गर्व है। सर्वश्रेष्ठ के लिए उम्मीद करें। हौसला रखें। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।’’
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि समूचा देश इस समय इसरो की टीम के साथ खड़ा है। अंतरिक्ष एजेंसी के कठिन परिश्रम और प्रतिबद्धता ने देश को गौरवान्वित किया है।
#ProudOfISRO: पढ़िए वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने वाले कुछ ट्वीट्स...
जे गल्ला नाम के यूजर ने लिखा हमें अपने वैज्ञानिकों और इसरो पर गर्व है...
आदित्य सिंह ने लिखा कि ये असफलता नहीं है।
डॉ कुमार विश्वास ने लिखा, 'प्रिय इसरो, आप के अनथक श्रम व प्रतिभा पर पूरे देश को बहुत गर्व है! प्रयास जारी रखें.'
अक्षय राम ने लिखा कि हमने सिर्फ संपर्क खोया है उम्मीदें नहीं...
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी इसरो वैज्ञानिकों से कहा कि वे निराश न हों और उनकी उपलब्धियों पर देश को गर्व है। इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि देश इसरो के साथ खड़ा है और उसका प्रयास व्यर्थ नहीं जाएगा।