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Magh Purnima 2021: माघ पूर्णिमा 2021 शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और क्या है इसका महत्व ?

By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: February 24, 2021 05:36 PM2021-02-24T17:36:07+5:302021-02-24T17:36:34+5:30

हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, दान और ध्यान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. वैसे तो साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं, जिसमें पूर्ण चंद्रोदय होता है लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का अपना अलग महत्व है. माघ महीने की पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) के नाम से भी जाना जाता है.

 

माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और पूजा का विशेष पुण्य प्राप्त होता है.  माघ पूर्णिमा पर इस बार शनि और गुरु का संयोग रहेगा. सूर्य और शुक्र का संयोग भी बना रहेगा. इस बार माघ पूर्णिमा 27 फरवरी को पड़ रही है.

माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

माघ पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में पूजन और ईश्वर का ध्यान करना अति उत्तम माना जाता है. इस साल माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-

पूर्णिमा तिथि आरंभ- 26 फरवरी 2021 (शुक्रवार) को दोपहर 03 बजकर 49 मिनट से.

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 27 फरवरी 2021 (शनिवार) दोपहर 01 बजकर 46 मिनट तक.

उदया तिथि 27 फरवरी को है, इसलिए इस दिन मुख्य रूप से पूर्णिमा तिथि मनाई जाएगी और इसी दिन नदियों में स्नान से पुण्य की प्राप्ति होगी. जो पूर्णिमा व्रत रखकर चन्द्रमा को अर्घ्य देते हैं, उन्हें पूर्णिमा व्रत 26 फरवरी 2021 शुक्रवार को ही रखना चाहिए और भगवान सत्य नारायण की पूजा कथा भी 26 फरवरी को ही करनी चाहिए. किन्तु पूर्णिमा का पुण्यकाल का स्नान 27 फरवरी को करना चाहिए.

 

स्नान, दान और पूजा का महत्व
माघ पूर्णिमा को बहुत ही शुभ दिन माना गया है. धार्मिक कार्यों को करने के लिए इस दिन को अत्यंत शुभ बताया गया है. पौराणिक मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर प्रात: काल स्नान करने से रोगों का नाश होता है. दान करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली तमाम बाधाएं दूर होती हैं. इस दिन की जाने वाली पूजा से देवताओं का विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है. वहीं ऐसा भी माना जाता है कि माघी पूर्णिमा पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.


घर में इस दिन पूजा करने से मिलता है ये है लाभ
माघ पूर्णिमा के दिन घर में पूजा और सत्यनारायण की कथा आयोजित करने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और घर में खुशहाली बनी रहती है.

तिल और काले कंबल का दान
माघ पूर्णिमा पर तिल और कंबल का दान अत्यंत शुभ माना गया है. इस दिन भगवान विष्णु पर तिल चढ़ाने की भी परंपरा है. तिल का सेहत से गहारा नाता है. इसके साथ ही जरूरतमंदों को काले कंबल का दान देने से भी कई तरह की बाधाओं को दूर करता है.

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