लाइव न्यूज़ :

AllNewsPhotosVideos

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामला

Ram-janmabhoomi-babri-masjid-dispute, Latest Marathi News

Read more

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामला (Ram Janmabhoomi-Babri Masjid Dispute): अयोध्या में छह दिसंबर, 1992 से पहले 2.77 एकड़ के भूखंड के 0.313 एकड़ हिस्से में यह विवादित ढांचा मौजूद था जिसे कारसेवकों ने गिरा दिया था। इसके बाद देशभर में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे हुए थे। सरकार ने 1993 में एक कानून के माध्यम से 2.77 एकड़ सहित 67.703 एकड़ भूमि अधिग्रहित की थी। इसमें रामजन्म भूमि न्यास उस 42 एकड़ भूमि का मालिक है जो विवादरहित थी और जिसका अधिग्रहण कर लिया गया था। 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2.77 एकड़ भूमि को  तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने का फैसला सुनाया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपील पर सुनवाई के दौरान मध्यस्थता के माध्यम से विवाद सुलझाने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया है।

भारत : Top News 8th November: अयोध्या में फैसले की आहट के बीच राज्यों को अलर्ट जारी, महाराष्ट्र में सरकार गठन पर गतिरोध के बीच नजरें राज्यपाल पर

भारत : अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश को संबोधित कर सकते हैं मोहन भागवत या भैय्याजी जोशी

भारत : अयोध्या मामलाः 78 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाई गई, आरपीएफ ने सात पृष्ठों का परामर्श जारी किया

भारत : 12 को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर अयोध्या में आएंगे लाखों श्रद्धालु, ड्रोन से निगरानी

भारत : अयोध्या मामलाः हेगड़े ने कहा-विजयी पक्ष इसे विनम्रता से स्वीकार करे, हारने वाले पक्ष को भी कबूल करना चाहिए

भारत : अयोध्या मामलाः केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से अलर्ट रहने को कहा, अर्द्धसैनिक बलों के 4,000 जवानों को भेजा

भारत : अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले रुका राम जन्मभूमि कार्यशाला में पत्थरों को तराशने का काम, जानिए वजह

भारत : अयोध्या मामला: फैसले की उल्टी गिनती शुरू, 10 दिन में इन 4 बड़े मामलों पर फैसला सुना सकते हैं CJI रंजन गोगोई

भारत : ‘अयोध्या’ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मायावती बोलीं- फैसले का हर हाल में सम्मान करना चाहिए

भारत : अयोध्या: आंबेडकर नगर में विभिन्न कॉलेजों में बनाए गए 8 अस्थाई जेल, इस दिन आ सकता है रामजन्मभूमि विवाद पर फैसला!