शास्त्रों की मानें तो चंद्र मास की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव की उपासना के लिए लोग प्रदोष का व्रत करते हैं। यह व्रत कृष्ण व शुक्ल दोनों पक्ष में होता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से गोदान जितने पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही आपको मृत्यु पश्चात उत्तम लोक प्राप्त होता है और अपने सांसारिक जीवन में भी आप निरोगी व स्वस्थ बने रहते हैं। सूर्यास्त से पूर्व स्नान आदि के बाद घर के ईशान कोण में स्थापित मंदिर में बैठकर पूजन करना चाहिए। Read More
हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को ही पापमोचिनी एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी के व्रत को करने से न केवल सभी पापों का नाश होता है बल्कि मोक्ष की भी प्राप्ति होती है. हिंदू मान्यताओं में वैसे भी सभी एकादशी व्रतों का बहुत महत्व है। ...
हिन्दू धर्म के अनुसार प्रदोष व्रत भगवान शिव की उपासना के लिए रखा जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी प्रकार के संकटों से छुटकारा मिलता है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत किया जाता है। यह व्रत कृष्ण प ...