निर्मला सीतारमण भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और वर्तमान में भारत की रक्षामंत्री हैं। 2017 में रक्षामंत्री का पदभार संभालने से पहले उनके पास वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार था। इसके अलावा वो वित्त एवं कारपोरेट मामलों की राज्यमंत्री भी रह चुकी हैं। निर्मला सीतारमण के विषय में कहा जाता है कि वो भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री हैं। निर्मला का जन्म तमिलनाडु के मदुरै में हुआ था। उन्होंने मद्रास के तिरुचिरापल्ली से शुरुआती पढ़ाई की और उसके बाद सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से इकोनॉमिक्स में बीए की पढ़ाई की। इसके बाद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में एमए की पढ़ाई की है। वो चंद्रबाबू नायडू की कम्यूनिकेशन एडवाइजर भी रह चुकी हैं और बाद में उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली। Read More
Union Budget 2025 Expectations: नारेडको के चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि किफायती आवास खंड में धन के प्रवाह को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाने की जरूरत है। ...
GST Council Meeting: जीएसटी परिषद पारित आदेश के संबंध में अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर करने के लिए पूर्व-जमा के भुगतान में कमी की सिफारिश करती है जिसमें केवल जुर्माना राशि शामिल है ...
मोदी सरकार द्वारा एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की शुरूआत भारत में पेंशन प्रणालियों को लेकर बढ़ती चिंताओं को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ...
यूनिफाइनड पेंशन स्कीम (यूपीएस) पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से अलग है। इसके जरिए उन्होंने कांग्रेस को करारा जवाब देते हुए कहा कि वे सिर्फ नारा गढ़ने वाले पार्टी और लोग हैं। ...
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भोपाल स्थित IISER के 14वें दीक्षांत समारोह में कहा, 'काश मैं करों को शून्य तक ला पाती, लेकिन भारत में चुनौतियां हैं, सरकार को पैसे की जरूरत है'। ...
हाल ही में भारत ने मालदीव को 400 करोड़ की सहायता की घोषणा की थी। यह घोषणा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में की थी। मोहम्मद मुइज्जू ने इसे मालदीव के लोगों लिए बेहद खास उपहार बताते हुए भारत को धन्यवाद कहा। ...
Climate Finance Taxonomy: जैसे-जैसे वैश्विक तापमान में वृद्धि जारी है और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव अधिक स्पष्ट हो रहे हैं, देशों के लिए नेट-शून्य अर्थव्यवस्था में परिवर्तन की तात्कालिकता कभी इतनी अधिक नहीं रही। ऐसे संदर्भ में, वर्गीकरण विज्ञ ...