इसरो का सर्वाधिक शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी मार्क-III (थ्री) एम 1 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई को चंद्रयान-2 को लेकर रवाना हुआ था। इसरो ने कहा कि चंद्रयान-2 को योजना अनुसार तीसरी बार आज अपराह्न तीन बजकर 12 मिनट ...
चंद्रयान -2 के लॉन्च होने के बाद इसकी देश सहित दुनियाभर में चर्चा हो रही है और लोग काफी तारीफ भी कर रहे हैं। इस मिशन को पूरा करने में कई महिला वैज्ञानिकों का हाथ है। इन महिलाओं में से 8 ऐसी महिलाएं हैं जिनका चंद्रयान -2 की सफल लॉन्चिंग में सबसे बड़ा ...
ऐसा पृथ्वी से दिये गए निर्देश के जरिए किया गया। इसरो ने एक बयान में कहा कि यान ने बृहस्पतिवार देर रात करीब एक बजकर आठ मिनट पर पृथ्वी के गुरुत्वीय प्रभाव वाले क्षेत्र की कक्षा में आगे बढ़ते हुए अपनी दूसरी कक्षा में प्रवेश किया। इसके लिये उसने यान में ...
वैज्ञानिकों के अनुसार इस दक्षिणी ध्रुव पर शोध से यह पता चलेगा कि आखिर चांद की उत्पत्ति और उसकी संरचना कैसे हुई. इस क्षेत्र में बड़े और गहरे गड्ढे हैं. यहां उत्तरी ध्रुव की अपेक्षा कम शोध हुआ है. ...
चंद्रयान बेशक हमारे लिए महत्वपूर्ण है, पर उससे ज्यादा जरूरी है कि हमारे रॉकेटों का दम बना रहे. एक साथ 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण करने का कीर्तिमान रचने के अलावा स्पेस मार्केट के बिजनेस और भावी अंतरिक्ष अभियानों का सारा दारोमदार इन्हीं रॉकेटों पर टिका ...
‘चंद्रयान 2’ के प्रक्षेपण के कुछ ही मिनट बाद कांग्रेस ने कहा, ‘‘ यह 1962 में इनकोस्पर के मार्फत अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए निधि उपलब्ध करोन में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की दूरदृष्टि को याद करने का सही समय है।' ...
एक अधिकारी ने बताया कि ये महिला इंजीनियर उम्र के 40वें दशक में हैं और इसरो के साथ उनकी सेवा दो दशक से अधिक की है। ये दोनों महिलाएं वर्तमान समय में बेंगलुरु स्थित यू आर राव अंतरिक्ष केंद्र में तैनात हैं। ऋतु करिधाल भारत द्वारा 2013 में प्रक्षेपित मंगल ...