Vodafone-Idea Merger: आइडिया-वोडाफोन मिलकर बनी देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी, Airtel को किया पीछे
By जोयिता भट्टाचार्या | Updated: August 31, 2018 16:00 IST2018-08-31T16:00:59+5:302018-08-31T16:00:59+5:30
आदित्य बिरला ग्रुप के सीनियर अधिकारी जो आइडिया का हिस्सा है उन्होंने कहा कि दोनों कंपनियों की साझेदारी के बाद नए आंकड़ो में 440 मिलियन सब्सक्राइबर्स का फायदा होगा तो वहीं 34.7 प्रतिशत का रेवेन्यू मार्केट होगा।

Vodafone-Idea Merger: आइडिया-वोडाफोन मिलकर बनी देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी, Airtel को किया पीछे
नई दिल्ली, 31 अगस्त: टेलीकॉम इंडस्ट्रीज की दो जानी मानी कंपनियां आइडिया सेल्यूलर और वोडाफोन इंडिया का विलय पूरा हो गया है। इसके साथ देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी अस्तित्व में आयी है जिसके ग्राहकों की संख्या 40.8 करोड़ है। ये जानकारी दोनों कंपनियों ने दी। दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि विलय के बाद बनी 'वोडाफोन आइडिया लि.' के लिए नया निदेशक मंडल बनाया गया है। इसमें 12 निदेशक (छह स्वतंत्र निदेशक शामिल) और कुमार मंगलम बिड़ला उसके चेयरमैन होंगे।
निदेशक मंडल ने बालेश शर्मा को सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) नियुक्त किया है। कंपनी के पास आय के हिसाब से 32.2 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी होगी और नौ दूरसंचार सर्किल में पहले पायदान पर होगी। दोनों ब्रांड Vodafone और Idea ब्रांड बने रहेंगे।
दिग्गज कंपनी वोडाफोन आइडिया लि. अपने वृहत आकार के साथ भारती एयरटेल को पीछे छोड़ देगी जो फिलहाल देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है। रिलायंस जिओ के बाजार में आने के साथ दूरसंचार कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा तेज हुई है। कंपनी का ब्राडबैंड नेटवर्क 3.4 लाख साइट जबकि वितरण नेटवर्क 17 लाख होगा।
बयान के अनुसार, "विलय से सालाना 14,000 करोड़ रुपये की आय सृजित होने का अनुमान है।" कंपनी का शुद्ध कर्ज 30 जून 2018 को 1,09,200 करोड़ रुपये था।
इस विलय के साथ दो लाख मोबाइल साइट और करीब 2.35 लाख किलोमीटर फाइबर के साथ 1,850 मेगाहट्र्ज का व्यापक स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो होगा। इससे ग्राहकों को बातचीत और ब्राडबैंड के मामले में पहले से बेहतर सेवा मिल पाएगी। कुल मिलाकर यह देश की 92 प्रतिशत आबादी को ‘कवर’ करेगी और इसकी पहुंच 5,00,000 शहरों तथा गांवों में होगी।
आदित्य बिड़ला समूह और वोडाफोन आइडिया लि. के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा, "आज हमने देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी सृजित की है। वास्तव में यह ऐतिहासिक क्षण है...वोडाफोन आइडिया के रूप में हम अंतरराष्ट्रीय साख, पैमाना और मानदंड वाली कंपनी के लिये भागीदारी कर रहे हैं।"
नई कंपनी के सीईओ बालेश शर्मा ने कहा, "हम अपने खुदरा और कंपनी ग्राहक दोनों को बेहतर सेवा देने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हम उनकी उभरती डिजिटल और संपर्क जरूरतों को नये उत्पादों, सेवाओं और समाधान के जरिये पूरा करेंगे।"
आइडिया ने नियामकीय सूचना में कहा कि विलय से जुड़ी सभी औपचारिकताओं के बाद कंपनी का नाम वोडाफोन आइडिया लि. होगा। विलय बाद आइडिया सेल्यूलर की चुकता शेयर पूंजी बढ़कर 8,735.13 करोड़ रुपये होगी। हसमुख कपानिया आइडिया सेल्यूलर के प्रबंध निदेशक पद से 31 दिसंबर 2018 से हट गये हैं। लेकिन वह नई कंपनी में गैर-कार्यकारी निदेशक होंगे।

