JNU हिंसा: वॉट्सएप, फेसबुक, गूगल और एपल को कोर्ट ने दिया नोटिस, मांगा ये जवाब
By भाषा | Updated: January 13, 2020 13:22 IST2020-01-13T13:22:18+5:302020-01-13T13:22:18+5:30
दिल्ली सरकार के स्थायी अधिवक्ता राहुल मेहरा ने हाईकोर्ट को बताया कि हिंसा की सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने के पुलिस के अनुरोध पर जेएनयू प्रशासन की ओर से अभी तक कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ है।

जेएनयू हिंसा में ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ और ‘फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस’ नाम के व्हाट्सएप ग्रुप का डेटा भी सुरक्षित रखने को कहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में पांच जनवरी को हुई हिंसा की घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज, डेटा और अन्य सबूत सुरक्षित रखने की मांग करने वाली विश्वविद्यालय के तीन प्रोफेसरों की याचिका पर दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार, व्हाट्सऐप कंपनी, एपल कंपनी और गूगल कंपनी से सोमवार को जवाब मांगा।
पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि उसने जेएनयू प्रशासन से हिंसा की सीसीटीवी फुटेज संभाल कर रखने और उसे सौंपने को कहा है। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति ब्रिजेश सेठी ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई मंगलवार को होगी।
दिल्ली सरकार के स्थायी अधिवक्ता (अपराध) राहुल मेहरा ने हाईकोर्ट को बताया कि हिंसा की सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने के पुलिस के अनुरोध पर जेएनयू प्रशासन की ओर से अभी तक कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ है। मेहरा ने अदालत को बताया कि उसने व्हाट्सऐप को भी लिखित अनुरोध भेज उन दो ग्रुपों का डेटा सुरक्षित रखने को कहा है जिन पर जेएनयू में हिंसा की साजिश रची गई थी। इन व्हाट्सऐप ग्रुप के नाम हैं ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ और ‘फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस’।
इन समूहो के संदेश, तस्वीरें और वीडियो तथा सदस्यों की फोन नंबर सुरक्षित रखने का अनुरोध किया गया है। याचिका जेएनयू के प्रोफेसर अमीत परमेश्वरन, अतुल सूद और शुक्ला विनायक सावंत ने दायर की। याचिका में दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश देने की मांग की गई। याचिका में दिल्ली पुलिस को जेएनयू परिसर के सभी सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने का निर्देश देने की भी मांग की गई।