बजट 2019: डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई कदमों की घोषणा की
By भाषा | Updated: July 5, 2019 15:25 IST2019-07-05T15:25:10+5:302019-07-05T15:25:10+5:30

Budget 2019 aims to boost digital payments
देश में नकदी-रहित लेनदेन को बढ़ावा देने की कोशिशों के तहत सरकार ने शुक्रवार को ऐलान किया कि 50 करोड़ रुपये तक का सालाना कारोबार करने वाले वाणिज्यक प्रतिष्ठान या कंपनियां अपने यहां खरीद करने वालों को किफायती डिजिटल भुगतान सुविधा दे सकती है। इसके तहत ऐसे प्रतिष्ठानों या उनके ग्राहकों से कोई डिजिटल भुगतान शुल्क या मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) नहीं लिया जाएगा।
वित्त वर्ष 2019-20 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ''ऐसे व्यापारिक प्रतिष्ठान, जिनका वार्षिक कारोबार 50 करोड़ रुपये से अधिक है, वे अपने ग्राहकों को कम लागत वाली डिजिटल भुगतान सुविधा बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराएंगे। इसके लिए व्यापारियों एवं ग्राहकों पर कोई अतिरिक्त प्रभार नहीं लगाया जाएगा।''
उन्होंने कहा कि एक साल में बैंक खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी की निकासी पर दो प्रतिशत का टीडीएस लिया जाएगा। सीतारमण ने कहा, ''इन प्रावधानों को प्रभावी बनाने के लिए आयकर अधिनियम और भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 में आवश्यक संशोधन किये जा रहे हैं।''
वित्त मंत्री ने कहा कि कम लागत पर भुगतान के लिए भीम यूपीआई, यूपीआई-क्यूआर कोड, आधार पे, एनईएफटी और आरटीजीएस जैसी कई डिजिटल भुगतान व्यवस्थाएं हैं। इन प्रणालियों का इस्तेमाल देश को नकदी रहित अर्थव्यवस्था की तरफ ले जाने के लिए किया जा सकता है।
