Yogini Ekadashi 2020: इस तारीख को है योगिनी एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
By मेघना वर्मा | Updated: June 6, 2020 12:27 IST2020-06-06T12:27:32+5:302020-06-06T12:27:32+5:30
एकादशी का हर व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ पीपल की पूजा का भी विधान है।

Yogini Ekadashi 2020: इस तारीख को है योगिनी एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
साल में 24 एकादशी पड़ती है। आषाढ़ माह में पड़ने वाली योगिनी एकादशी को हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण बताया जाता है। योगिनी एकादशी का व्रत हर साल आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को पड़ता है। एकादशी का हर व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ पीपल की पूजा का भी विधान है।
बताया जाता है कि योगिनी एकादशी करने से 88 हजार ब्राह्मणों के दान के बराबर फल मिलता है। इस व्रत के बाद आती है देवशयनी एकादशी। जिसमें भगवान विष्णु चार महीने के लिए शयन में चले जाते हैं। आईए, जानते हैं कि योगिनी एकादशी का व्रत कब है, क्या है व्रत की कथा और पौराणिक महत्व...
Yogini Ekadashi: कब है योगिनी एकादशी व्रत
इस बार योगिनी एकादशी का व्रत 17 जून को है। इस एकादशी को करने से एक दिन पहले जातकों को अपनी तैयारी शुरू कर देनी होती है। शास्त्रों के अनुसार व्रत से एक दिन पहले तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए।
योगिनी एकादशी तिथि - 17 जून 2020
एकादशी तिथि प्रारम्भ - जून 16, 2020 को 05:40 ए एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त - जून 17, 2020 को 07:50 ए एम बजे
योगिनी एकादशी का व्रत करने से सारे पाप मिट जाते हैं और जीवन में समृद्धि और आनन्द की प्राप्ति होती है। योगिनी एकादशी का व्रत करने से स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है। योगिनी एकादशी तीनों लोकों में प्रसिद्ध है। यह माना जाता है कि योगिनी एकादशी का व्रत करना अठ्यासी हज़ार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर है।
योगिनी एकादशी की पूजा विधि
1. इस पूजा के लिए साधक को तड़के उठना चाहिए स्नान आदि कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
2. पद्मपुराण के अनुसार इस दिन इस दिन तिल के उबटन का शरीर पर लेप कर स्नान करने का भी महत्व है।
3. व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
4. पूजा के दौरान भगवान विष्णु को पंचामृत स्नान कराना चाहिए।
5. पंचामृत को फिर घर के सभी सदस्यों के ऊपर छिड़कना चाहिए।
6. पूजा के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ का भी विशेष महत्व है।