Hartalika Teej 2025: 25 या 26 अगस्त, कब है हरतालिका तीज? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

By अंजली चौहान | Updated: August 17, 2025 15:19 IST2025-08-17T15:18:11+5:302025-08-17T15:19:55+5:30

Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है। इस दिन, भक्त वैवाहिक सुख और संतान प्राप्ति के लिए भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। यह व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, जिसमें पूरे 24 घंटे बिना भोजन या जल के रहना होता है।

when is Hartalika Teej Know auspicious time and method of worship | Hartalika Teej 2025: 25 या 26 अगस्त, कब है हरतालिका तीज? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Hartalika Teej 2025: 25 या 26 अगस्त, कब है हरतालिका तीज? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Hartalika Teej 2025: हिंदू महिलाओं के बीच हरतालिका तीज व्रत का खास महत्व है। यह एक पवित्र त्योहार है जिसे अक्सर विवाहिता अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। यह भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे विधि-विधान से भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं। यह पर्व विवाहित महिलाओं के साथ-साथ अविवाहित लड़कियों के लिए भी विशेष महत्व रखता है।

हरतालिका तीज व्रत तिथि

इस वर्ष, हरतालिका तीज 26 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी।

तृतीया तिथि प्रारंभ: 25 अगस्त दोपहर 12:34 बजे

तृतीया तिथि समाप्त: 26 अगस्त दोपहर 1:54 बजे।

इसलिए हरतालिका तीज व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा।

क्यों मनाई जाती है हरतालिका तीज?

द्रिक पंचांग के अनुसार, "हरतालिका तीज को इससे जुड़ी पौराणिक कथा के कारण इस नाम से जाना जाता है। हरतालिका शब्द हरत और आलिका का संयोजन है, जिसका अर्थ क्रमशः अपहरण और स्त्री सखी होता है। हरतालिका तीज की पौराणिक कथा के अनुसार, देवी पार्वती की सहेलियां उन्हें घने जंगल में ले गईं ताकि उनके पिता उनकी इच्छा के विरुद्ध उनका विवाह भगवान विष्णु से न कर सकें।"

कैसे मनाते हैं हरतालिका तीज?

हरतालिका तीज व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, क्योंकि इसे करने वाली महिलाएं 24 घंटे तक बिना अन्न-जल (निर्जला) के रहती हैं। यह दिन ब्रह्म मुहूर्त में भोर में शुरू होता है, जब भक्त स्नान करते हैं, साफ कपड़े पहनते हैं और पूजा के लिए देवी पार्वती और भगवान शिव की मिट्टी की मूर्तियाँ बनाते हैं। दिन भर, महिलाएं व्रत कथा सुनती हैं, भक्ति गीत गाती हैं और रात भर प्रार्थना और पूजा में जागती रहती हैं।

हरतालिका तीज व्रत का महत्व
यह त्योहार महिलाओं द्वारा भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस व्रत को करने वाली महिलाएँ 24 घंटे तक बिना पानी और भोजन के रहती हैं। रात में, वे शिव और पार्वती की पवित्र कथा सुनती हैं और भक्ति भाव से पूजा करती हैं। विवाहित महिलाएँ देवी पार्वती को "सोलह श्रृंगार" की वस्तुएँ अर्पित करती हैं, जबकि भगवान शिव को वस्त्र और अन्य अनुष्ठानिक प्रसाद अर्पित किए जाते हैं।

ऐसा माना जाता है कि "सोलह श्रृंगार" के साथ देवी पार्वती की पूजा करने से वे प्रसन्न होती हैं और वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।

(डिस्क्लेमर- ऊपर दिए आर्टिकल में मौजूद जानकारी सामान्य प्रचलित मान्यताओं पर आधारित है। लोकमत हिंदी इसमें मौजूद दावों की पुष्टि नहीं करता है। कृपया सटीक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह लें)
 

Web Title: when is Hartalika Teej Know auspicious time and method of worship

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