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Utpanna Ekadashi: इस दिन है उत्पन्ना एकादशी व्रत, ये उपाय करने मिलता है धन, सुख और वैभव

By रुस्तम राणा | Updated: November 26, 2021 11:51 IST

धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति उत्पन्ना एकादशी व्रत करता है उस पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी की विशेष कृपा बरसती है।

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उत्पन्ना एकादशी व्रत 30 नवंबर, मंगलवार को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहते हैं। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति उत्पन्ना एकादशी व्रत करता है उस पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी की विशेष कृपा बरसती है। व्रती को मोह माया से छुटकारा मिलता है और वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। एकादशी के दिन कुछ विशेष उपाय करने से इस दिन सुख-समृद्धि वैभव और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है।

उत्पन्ना एकादशी मुहूर्त 2021

एकादशी तिथि प्रारंभ - 30 नवंबर को सुबह 04 बजकर 13 मिनट से शुरू एकादशी तिथि का समापन - 1 दिसंबर को 02 बजकर 13 मिनट पर समाप्तव्रत पारण का समय- 01 दिसंबर को प्रातः 07.34 बजे से 09.01 बजे तक

उत्पन्ना एकादशी व्रत विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प करें। भगवान विष्णु जी के समक्ष दीप प्रज्जवलित करें। गंगा जल से अभिषेक करें। विष्णु जी को तुलसी चढ़ाएं। जगत के पालनहार को सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। शाम को तुलसी के समक्ष दीप जलाएं। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। अगले दिन द्वादशी के दिन शुभ मुहूर्त पर व्रत खोलें। ब्राह्मणों को भोजन कराकर, उन्हें दान-दक्षिणा दें।

उत्पन्ना एकादशी के दिन करें ये उपाय

एकादशी के दिन जो लोग उपवास रखते हैं और सच्चे मन से विष्णु जी की पूजा करते हैं। उन्हें जीवन में अच्छी सेहत, सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन भगवान विष्णु को पीले पुष्प, पीले वस्त्र और हल्दी मिला हुआ जल अर्पित करने से कामना पूर्ण होती है। एकादशी की शाम को तुलसी पूजा करें। तुलसी के समक्ष शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इस दिन ऊँ वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें और तुलसी की 11 बार परिक्रमा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। शास्त्रों के अनुसार, एकादशी तिथि के दिन पीपल का पौधा लगाने और उसमें नियमित रूप से जल चढ़ाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। आज के दिन गरीब लोगों को पीले रंग के वस्त्र, अनाज और फल दान करनी चाहिए।  

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