लाइव न्यूज़ :

Nag Panchami: अद्भुत! भगवान शिव की ऐसी प्रतिमा आपने कहीं नहीं देखी होगी, सिर्फ नाग पंचमी के दिन खुलता है मंदिर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 3, 2019 11:19 IST

नागचंद्रेश्वर मंदिर मंदिर उज्जैन में स्थित भगवान शिव के महाकालेश्वर मंदिर के प्रांगण में ही स्थित है और इसके कपाट साल में केवल एक बार नाग पंचमी के उपलक्ष्य में खुलते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देउज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के प्रांगण में स्थित है अद्भुत नागचंद्रेश्वर मंदिरसाल में केवल एक बार नाग पंचमी के दिन खुलता है नागचंद्रेश्वर मंदिरऐसी मान्यता है कि नागराज तक्षक स्वयं इस मंदिर में विराजते हैं

Nag Chandreshwar Temple: हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं जो उससे जुड़ी पौराणिक कथाओं, खूबसूरती या ऐतिहासिक महत्व के कारण खास बन जाते हैं। इसी में से एक मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर भी है। इस मंदिर की खासियत यहां मौजूद भगवान शिव और पार्वती की अद्भुत प्रतिमा है। ऐसा कहा जाता है कि यहा भगवान और माता पार्वती की जो प्रतिमा है, वैसा दुनिया में कहीं और नहीं है।

खास ये भी है कि इस मंदिर के कपाट सालों भर बंद रहते हैं और केवल नागपंचमी के दिन खुलते है। इसलिए नाग पंचमी के दिन यहां भगवान के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगती है। आईए जानते हैं आखिर क्यों साल में केवल एक बार इस मंदिर के कपाट खुलते हैं और क्या है यहां स्थापित भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा की खासियत...

नागचंद्रेश्वर मंदिर: नाग पंचमी के दिन 24 घंटे के लिए खुलता है मंदिर

यह मंदिर उज्जैन में स्थित भगवान शिव के महाकालेश्वर मंदिर के प्रांगण में ही स्थित है और इसके कपाट साल में केवल एक बार नाग पंचमी के उपलक्ष्य में खुलते हैं। इस बार नाग पंचमी 5 अगस्त (सोमवार) को है। इसलिए मंदिर के कपाट 4 अगस्त (रविवार) रात 12 बजे ही खुल जाएंगे और 5 अगस्त की रात 12 बजे तक खुले रहेंगे। ऐसी मान्यता है कि नागराज तक्षक स्वयं मंदिर में विराजते हैं। नाग चंद्रेश्वर मंदिर में प्रवेश करते ही आपको दाएं ओर भगवान नाग चंद्रेश्वर की प्रतिमा दिखाई देगी है। ये प्रतिमा मराठाकालीन कला का उत्कृष्ट नमूना है। 

मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार सर्प राज तक्षक ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए एक समय घोर तपस्या की। भगवान शिव इससे प्रसन्न हुए तक्षक को अमरत्व का वरदान दिया। इसके बाद से तक्षक ने भगवान शिव के सान्निध्य में ही रहना शुरू कर दिया। इसलिए इस मंदिर में भगवान शिव तक्षक के साथ स्थापित किये गये हैं।

मान्यता है कि तक्षक ने यहां वास करने से पूर्व इच्छा जताई कि उनके एकांत में कोई विघ्न न डाले। इसलिए यह परंपरा है कि यहां साल में केवल एक बार नागपंचमी के दिन सर्प राज तक्षक दर्शन देते हैं। इसके अलावा शेष समय में मंदिर बंद रहता है।

Nag Panchami: नागचंद्रेश्वर मंदिर में है शिव-पार्वती की अद्भुत प्रतिमा

इस मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती के फन फैलाए नाग पर विराजमान रहने की दुर्लभ प्रतिमा है। कहते हैं कि यह प्रतिमा 11वीं शताब्दी की है और नेपाल से लाई गई है। उज्जैन के अलावा भगवान शिव और माता पार्वती की ऐसी प्रतिमा दुनिया में कहीं और नहीं है। 

आम तौर पर सर्प की शैय्या पर भगवान विष्णु के विराजमान होने की तस्वीर हम देखते हैं लेकिन यहां शिव सर्प की शैय्या पर बैठे नजर आते हैं। इस मंदिर में दशमुखी सर्प शय्या पर शिव और माता पार्वती अपने पुत्र गणेश जी के साथ विराजमान हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन के बाद कोई भी व्यक्ति सर्पदोष से मुक्त हो जाता है। मंदिर जब साल में एक दिन के लिए खुलता है तो लगभग 2 लाख से भी ज्यादा भक्त यहां नागदेव और भगवान शिव सहित माता पार्वती और श्रीगणेश जी के दर्शन करते हैं।

टॅग्स :नाग पंचमीसावनभगवान शिव
Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटVIDEO: सूर्यकुमार यादव पत्नी के साथ महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे और दर्शन किए, देखें वीडियो

पूजा पाठKarwa Chauth 2025: सरगी करने का सही समय क्या? जानें करवा चौथ व्रत के दौरान क्या करें, क्या न करें

पूजा पाठKarwa Chauth 2025: पहली बार किसने रखा था करवा चौथ का व्रत, कैसे हुई इसकी शुरुआत? जानें यहां

पूजा पाठShardiya Navratri 2025: तन, मन और आत्मा के जागरण का पर्व, धर्म, भक्ति, शक्ति और स्वास्थ्य

बॉलीवुड चुस्कीहर घर महादेव का उद्घोष, गुरु मां करिश्मा शेट्टी के सान्निध्य में शिबानी कश्यप के घर भव्य शिव संग

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय