थाईलैंड की राजनीति में उथल-पुथल: महाराज प्रसून कुलश्रेष्ठ की ज्योतिषीय भविष्यवाणी हुई सच?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 2, 2025 17:33 IST2025-07-02T17:32:40+5:302025-07-02T17:33:36+5:30
Turmoil in Thailand's politics:शनि रेट्रोग्रेड के दौरान प्रधानमंत्री पर विवाद, जनता का गुस्सा और सत्ता में संभावित बदलाव

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Turmoil in Thailand's politics: थाईलैंड की राजनीति एक बार फिर बड़े संकट की ओर बढ़ती दिख रही है। हाल ही में सामने आए प्रधानमंत्री को लेकर विवाद और जनता में बढ़ते असंतोष ने राजनीतिक स्थिरता को गंभीर चुनौती दी है। दिलचस्प बात यह है कि इसी तरह की स्थिति की भविष्यवाणी मई में ही प्रख्यात ज्योतिषाचार्य महाराज प्रसून कुलश्रेष्ठ ने कर दी थी। 16 मई 2025 को महाराज प्रसून ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि जब शनि ग्रह वक्री अवस्था (रेट्रोग्रेड) में प्रवेश करेगा, तब थाईलैंड में राजनीतिक तनाव और जनता के गुस्से का विस्फोट देखने को मिलेगा।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया था कि इस काल में सत्ता परिवर्तन या नेतृत्व में अस्थिरता की संभावनाएं प्रबल होंगी। शनि रेट्रोग्रेड की शुरुआत 14 जुलाई से होनी है, लेकिन इसका प्रभाव पहले से महसूस किया जा रहा है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण के अनुसार, यह प्रभाव आम तौर पर दो सप्ताह पहले ही दिखाई देने लगता है — यानी 1 जुलाई के आसपास।
और वास्तव में, उसी समय से थाईलैंड में राजनीतिक हलचल ने जोर पकड़ा है। हाल की सबसे बड़ी घटना में, थाई प्रधानमंत्री को एक लीक हुई फोन कॉल को लेकर सस्पेंड कर दिया गया है। यह कदम देश में पहले से ही बढ़े जनाक्रोश को और भड़काने वाला माना जा रहा है। प्रदर्शन, सोशल मीडिया पर आक्रोश और सत्तारूढ़ दल में मतभेद जैसी स्थितियाँ अब आम हो चली हैं।
ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि शनि की वक्री चाल सामाजिक ढांचे, सरकार और प्रशासन पर सीधा असर डालती है। यह वही काल होता है जब पुराने फैसलों पर पुनर्विचार होता है और जनता अपनी बात मुखर होकर सामने रखती है। यह सवाल अब लोगों के बीच उठ रहा है कि क्या यह सब सिर्फ एक संयोग है, या फिर ग्रहों की चाल वाकई में हमारे सामाजिक और राजनीतिक ढांचों को प्रभावित करती है?
महाराज प्रसून की भविष्यवाणी और मौजूदा हालात के बीच समानता को नज़रअंदाज़ करना कठिन है। जैसे-जैसे जुलाई का मध्य नज़दीक आ रहा है, थाईलैंड की राजनीति और भी संवेदनशील मोड़ पर पहुँच सकती है। आने वाले सप्ताह यह तय करेंगे कि जनता का दबाव और ब्रह्मांडीय ऊर्जा मिलकर किसी बड़े परिवर्तन की भूमिका तैयार करेंगे या नहीं।