लाइव न्यूज़ :

रामायण: जब माता सीता ने पार की थी लक्ष्मण रेखा, प्रभु राम को भाई लक्ष्मण ने बताई थी ये एक बात

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 25, 2020 07:28 IST

रामायण का मूल सार व्यक्ति को आदर्श जीवन जीने की ओर प्रेरित करता है। इन्हीं प्रेरित बातों में एक बात वो भी है जो भगवान राम से उनके भाई लक्ष्मण ने कहा था, जब माता सीता का हरण हो गया था।

Open in App
ठळक मुद्देरावण साधु का रूप धर माता सीता से भिक्षा मांगने आता है। रावण को भीक्षा देने के लिए माता सीता, लक्ष्मण रेखा को लांघ जाती है।

रामायण के कई प्रसंग सुनने को मिलते हैं। भगवान श्रीराम और माता सीता की कहानी से ना सिर्फ लोगों को सीख मिलती है बल्कि रामायण के अलग-अलग किरदारों से लोगों को उनके धर्म और कर्तव्य को निभाने की भी सीख मिलती है। रामायण की छोटी से छोटी बात बड़ी सीख दे जाती है।

रामायण का मूल सार व्यक्ति को आदर्श जीवन जीने की ओर प्रेरित करता है। इन्हीं प्रेरित बातों में एक बात वो भी है जो भगवान राम से उनके भाई लक्ष्मण ने कहा था, जब माता सीता का हरण हो गया था। आइए बताते हैं ये कथा-

दरअसल, जिस समय माता सीता ने मारिच की माया के जाल में फंस जाती हैं और प्रभु राम से स्वर्ण मृग लाने की हठ करने लगती हैं। तब प्रभु राम मृग का शिकार करने चले जाते हैं। अंत में बाण से मृग को घायल भी कर देते हैं मगर इन सब में उन्हें देर हो जाती है। 

उधर माता सीता, लक्ष्मण से कहती हैं कि वो प्रभु श्रीराम की खोज में आएं। जब भाभी सीता की आज्ञा का पालन करने लिए लक्ष्मण वन जाते हैं तो सीता मां के लिए एक सीमा रेखा बनाकर जाते हैं। सीता मां से आग्रह करते हैं कि वो किसी भी हाल में लक्ष्मण रेखा पार ना करें। 

लक्ष्मण के जाने के बाद रावण साधु का रूप धर माता सीता से भिक्षा मांगने आता है। माता सीता सीमा रेखा लांघ जाती हैं। तब रावण असली रूप में आकर माता सीता का हरण कर लेता है। वहीं जब प्रभु राम कुटिया में वापिस लौटते हैं तो सीता को वहां ना पाकर आशंकित होते हैं। 

दोनों भाई, सीता माता की तलाश में निकल जाते हैं। माता सीता को खोजते-खोजते उन्हें माता सीता के कुछ आभूषण मिलते हैं। राम उन आभूषणों में से कर्णफूल को दिखाकर लक्ष्मण से कहते हैं कि वो सीता के कर्ण फूल हैं। इस पर भाई लक्ष्मण कहते हैं कि वो कर्णफूल भाभी के हैं ये बाद वह कैसे बताएं क्योंकि भाभी के मुख की ओर उन्होंने देखा ही नहीं। 

लक्ष्मण भाई से कहते हैं कि उन्होंने हमेशा सेवक और पुत्र भाव से सदा भाभी सीता के चरणों में देखा है। इसलिए सिर्फ उनकी पायल पहचान पाएंगे। लक्ष्मण की ये बातें सुनकर भगवान राम, सीता के प्रति लक्ष्मण सेवा और आदर भाव को देखकर आनंदित हो गए। 

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटअभ्यास छोड़ ‘बीच’ रिजॉर्ट में समय बिताएं खिलाड़ी, कोच ब्रेंडन मैकुलम ने कहा-करारी हार की वजह जरूरत से ज्यादा अभ्यास करना

भारतमहाराष्ट्र शीतकालीन सत्र: चाय पार्टी का बहिष्कार, सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति करने में विफल रही सरकार

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

बॉलीवुड चुस्कीबॉलीवुड डायरेक्टर विक्रम भट्ट ₹30 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार, जानें क्या है मामला

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठगोवा अग्निकांड: कौन हैं सौरभ लूथरा? अरपोरा के बर्च नाइट क्लब के संस्थापक आग में 25 लोगों की मौत के बाद अब पुलिस जांच के दायरे में

पूजा पाठPanchang 07 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 07 December 2025: आज इन 3 राशियों के लिए दिन रहेगा चुनौतीपूर्ण, वित्तीय नुकसान की संभावना

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल