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विशेष ज्योतिष आंकलनः 10 दिन पृथ्वी पर भारी, मंगल हो रहा है वक्री

By गुणातीत ओझा | Updated: September 10, 2020 20:37 IST

मंगल आज से वक्री हो रहा है। मंगल को साहस बल हिंसा क्रोध और कर्ज का कारक माना जाता है। मंगल इस समय अपनी राशि मेष में स्थित है।

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ठळक मुद्देमंगल को साहस बल हिंसा क्रोध और कर्ज का कारक माना जाता है।मंगल इस समय अपनी राशि मेष में स्थित है।

मंगल आज से वक्री हो रहा है। मंगल को साहस बल हिंसा क्रोध और कर्ज का कारक माना जाता है। मंगल इस समय अपनी राशि मेष में स्थित है। आज मंगल वक्री हो रहा है। मेष राशि में मंगल 66 दिन वक्री रहेगा और वक्री अवस्था में ही मीन राशि में प्रवेश करेगा। दिनांक  10, 11, 12, 13, 17 सितंबर 2020 खराब है। सावधान और सतर्क रहें।

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि मंगल युद्ध के हालात पैदा करेगा और आने वाले अगले 10 दिनों में कोई न कोई ऐसा माहौल बनेगा जो विश्व शांति के लिए खतरा होगा। मंगल अभी अश्विनी नक्षत्र में है और अश्विनी नक्षत्र कि हम बात करें तो वह सबसे ज्यादा मूवेबल नक्षत्र है यानि की दौड़ लगाने वाला नक्षत्र है। मेष चर राशि है और मूव होती है। कोई भी डॉक्यूमेंट या कागजात बुध होता है और इस समय बुध पूरा पूरा शत्रु भाव में है यदि कोई कागजों में काम होगा तो खतरा अधिक है क्योंकि डाक्यूमेंट्स साइन होंगे तो एक्शन जरूर होगा।

क्या हो सकता है

भारत, चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, सिंगापुर, भूटान, बर्मा, श्रीलंका, स्पेन, इराक, ईरान बॉर्डर, टर्की, थाईलैंड, फिलिपींस, जापान, अमेरिका, फ्रांस, इटली और रूस इन पर मंगल भारी है।  एक कारण यह भी है कि मंगल यानि भूमिगत अनुसंधान खनन तेल के कुएं भूमिगत गैस पाइपलाइन भूकंप समुद्री हलचल आदि को कहते हैं।

ये ग्रह गोचर कोई पहली बार खराब नहीं हो रहे हैं। इससे पहले भी खतरनाक हो चुके हैं। देश काल पात्र अनुसार ज्योतिष एक संकेत देता है  और फल का अनुमान देता हैं। अतः इन देशो में कुछ तो बड़ा होगा यह अटल सत्य हैं। साथ साथ ज्योतिष का एक बेसिक और अच्छा तथ्य है कि वक्री ग्रह बलवान होता हैं। तर्क यह कि वह वक्री हो कर जिस राशि की तरफ बढ़ेगा उसका और जिस राशि से बढ़ेगा उसका दोनो का बल प्राप्त होता है।

शुक्र के पास अमृत संजीवनी 

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि अमृत संजीवनी के मालिक शुक्र पृथ्वी के साथ हैं और शुक्र के पास अमृत संजीवनी है। इस कारण जन शून्य स्थानों पर घटना होने की संभावना अधिक है। शुक्र कर्क राशि में हैं। कर्क तुला और मीन ये तीन राशियाँ सभी 12 राशियों में सबसे शुभ हैं। ठीक इसी प्रकार गुरू शुक्र और बुध को 9 ग्रहो में सबसे शुभ ग्रह माने जाते हैं। शुभ राशि में शुभ ग्रह तो कर्क राशि में शुक्र हैं अतः बचा लेंगे।

करें ये उपाय 

ऊॅ नमोः नारायणाये। ऊॅ नमोः भगवते वासुदेवाय। हं हनुमते नमः। ऊॅ नमः शिवाय। का जाप करें।

ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है। श्री राम भक्त संकट मोचन हनुमान जी आप सबकी रक्षा करें।

टॅग्स :ज्योतिष शास्त्रज्योतिषीय संकेत
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