Somvati Amavasya 2020: सोमवती अमावस्या आज, जानें महत्व, पूजा-दान करने की विधि
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 23, 2020 10:15 AM2020-03-23T10:15:19+5:302020-03-23T11:20:12+5:30
Somvati Amavasya 2020: मान्यताओं के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन की पितरों को जल देने से उन्हें शांति मिलती है.
हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक शास्त्रों के अनुसार सोमवती अमावस्या का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पूजा-दान करने से लोगों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या का महत्व सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं है, बल्कि पुरुषों के लिए आज का दिन पुण्य प्राप्ति के लिए अहम है। इस दिन श्राद्ध-दान का भी महत्व है। मान्याताओं के अनुसार सोमवती अमावस्या का महत्व सूर्य ग्रहण के बराबर होता है। इस दिन लोगो अपने पुरखों भी को याद करते हैं।
जानें सोमवती अमावस्या में आज पूजन का शुभ समय
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अमावास्या तिथि आज 23 मार्च को दोपहर 12:30 से शुरू होगी और 24 मार्च दिन मंगलवार को दोपहर 2:58 बजे तक रहेगी। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या या भौमवती अमावस्या कहते है। यह अमावस्या हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखती है। आज के दिन सुहागन महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु कामना के लिए व्रत रखने का विधान है।
सोमवती अमावस्या का महत्व
सोमवती अमावस्या का महत्व सिर्फ सुहागन महिलाओं के लिए नहीं है बल्कि इस दिन मौन रखने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है। अमावस्या के दिन सूर्य-चंद्रमा-पृथ्वी एक सीधे में होते हैं। इसलिए योग, स्नान, दान और धार्मिक कार्यों के लिए सोमवती अमावस्या के दिन का महत्व विशेष हो जाता है।
सोमवती अमावस्या में कैसे करें पूजा-अर्चना
सुहागिन महिलाएं पीपल के पेड़ के नीचे समूह में इकट्ठा होकर पूजी करती हैं और व्रत रखती हैं। इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है, अगर आप गंगा स्नान ना भी कर पाएं तो घर के नजदीक ही किसी नदी या सरोवर में स्नान कर पूजा-अर्चना कर सकते हैं।मान्यता है कि आज के दिन पीपल के पेड़ की फेरी लगाने से पति को लंबी उम्र मिलती है। महिलाएं ग्रुप में इकट्ठा होकर पीपल के पेड़ के नीचे पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं।
नोट: अगली अमावस्या 22 अप्रैल 2020 को पड़ेगी.