लाइव न्यूज़ :

Shivratri In April 2020: कब है शिवरात्रि? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और महत्व

By मेघना वर्मा | Updated: April 17, 2020 06:20 IST

मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शिव खुश होते हैं और उनकी कृपा साधक पर बरसती है।

Open in App
ठळक मुद्देभगवान शिव के पूजन के लिए उचित समय प्रदोष काल में होता है।मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि महाशिवरात्रि की ही तरह है।

हिन्दू धर्म में भगवान शिव को काफी महत्व दिया जाता है। वहीं हर महीने आने वाली शिवरात्रि के दिन भी भगवान शिव की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस बार वैशाख के महीने में भी चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि पड़ने वाली है। 

माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शिव खुश होते हैं और उनकी कृपा साधक पर बरसती है। शिव को चतुर्दशी तिथि का स्वामी भी कहा गया है। यही कारण है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा जरूर करनी चाहिए। इस दिन शिवजी के साथ-साथ उनके परिवार की भी अराधना करनी चाहिए। 

अप्रैल महीने में कब है शिवरात्रि

शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूरी मन से उपासना की जाती है। वहीं अप्रैल महीने में इस बार शिवरात्रि 21 अप्रैल को पड़ रही है। वहीं इस बार की शिवरात्रि मंगलवार को पड़ रही है। 

शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

शिवरात्रि - 21 अप्रैलचतुर्थी तिथि प्रारंभ - 03:11 AMचतुर्थी तिथि समाप्त - 05:37 AM (22 अप्रैल)

शिवरात्रि के व्रत महत्व

शिवरात्रि के दिन को प्राचीन काल से ही शुभ माना जाता है। हिंदू शास्त्रों में शिवरात्रि के व्रत का महत्व बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता, पार्वती ने भी शिवरात्रि का व्रत करके भगवान शिव का पूजन किया था। 

भगवान शिव के पूजन के लिए उचित समय प्रदोष काल में होता है। ऐसा माना जाता है कि शिव की अराधना दिन और रात्रि के मिलने के दौरान करना ही शुभ होता है। शिव पुराण के अनुसार इस दिन व्रत और भगवान शिव की आराधना करने से मनोमनाएं पूरी होती हैं। 

शिवरात्रि की पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि महाशिवरात्रि की ही तरह है। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव के साथ माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय जी एवं शिवगणों की पूजा करें। शिवजी का अभिषेक जल, दूध, दही, शुद्ध घी, शहद, शक्कर या चीनी, गंगाजल तथा गन्ने के रसे आदि से करें। शिवजी को बेलपत्र, समी पत्र, कुशा तथा दुर्बा आदि चढ़ाया जाता है। साथ ही गांजा, भांग, धतूरा भी शिव जी को भोग के रूप में समर्पित किया जाता है। 

ऐसी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत जो भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा से करता है, उसके सभी पाप नष्ट होते  हैं। इस व्रत की महिमा से व्यक्ति दीर्घायु, ऐश्वर्य, आरोग्य, संतान और विद्या प्राप्त कर आखिर में शिवलोक जाता है।

टॅग्स :भगवान शिवपूजा पाठ
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठDiwali Puja Time Today: दिवाली पूजा का समय और शुभ मुहूर्त कब है?, 20 अक्टूबर गणेश-लक्ष्मी पूजा...

पूजा पाठHappy Diwali 2025 Wishes: दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं, मैसेज, फोटो, स्टेटस...

क्रिकेटVIDEO: सूर्यकुमार यादव पत्नी के साथ महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे और दर्शन किए, देखें वीडियो

पूजा पाठKarwa Chauth 2025: सरगी करने का सही समय क्या? जानें करवा चौथ व्रत के दौरान क्या करें, क्या न करें

पूजा पाठKarwa Chauth 2025: पहली बार किसने रखा था करवा चौथ का व्रत, कैसे हुई इसकी शुरुआत? जानें यहां

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठगोवा अग्निकांड: कौन हैं सौरभ लूथरा? अरपोरा के बर्च नाइट क्लब के संस्थापक आग में 25 लोगों की मौत के बाद अब पुलिस जांच के दायरे में

पूजा पाठPanchang 07 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 07 December 2025: आज इन 3 राशियों के लिए दिन रहेगा चुनौतीपूर्ण, वित्तीय नुकसान की संभावना

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल