Sheetala Ashtami 2023: कब है शीतला अष्टमी? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व

By अंजली चौहान | Updated: March 13, 2023 17:23 IST2023-03-13T17:22:14+5:302023-03-13T17:23:43+5:30

ज्यादातर परिवार शीतला अष्टमी के दिन एक दिन पहले खाना बनाते हैं और बासी खाना खाते हैं। माना जाता है कि देवी शीतला चेचक, चेचक, खसरा और अन्य बीमारियों को नियंत्रित करती हैं और लोग इन बीमारियों के प्रकोप को रोकने के लिए उनकी पूजा करते हैं।

Sheetala Ashtami 2023 know the auspicious time of worship and importance of fasting | Sheetala Ashtami 2023: कब है शीतला अष्टमी? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व

फाइल फोटो

Highlightsजानिए कब है शीतला अष्टमी शीतला अष्टमी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैशीतला अष्टमी को बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है

Sheetala Ashtami 2023: हिंदू धर्म में व्रत-उपवास का बहुत खास महत्व है। फाल्गुन मास में आने वाली होली के बाद हफ्ते भर बाद शीतला माता की पूजा होती है। शीतला अष्टमी के दिन उत्तर भारत के कई राज्यों में हिंदू महिलाएं माता शीतला की विधि -विधान से पूजा करती हैं।

देवी शीतला को भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती का ही अवतार माना जाता है। शीतला अष्टमी को बसौड़ा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू त्योहार होली के आठवें दिन मनाया जाता है। बहरहाल, कई लोग इसे रंगों के त्योहार के पहले सोमवार या शुक्रवार को मनाते हैं।

ज्यादातर परिवार शीतला अष्टमी के दिन एक दिन पहले खाना बनाते हैं और बासी खाना खाते हैं। माना जाता है कि देवी शीतला चेचक, चेचक, खसरा और अन्य बीमारियों को नियंत्रित करती हैं और लोग इन बीमारियों के प्रकोप को रोकने के लिए उनकी पूजा करते हैं। इस दिन कोई भी ताजा भोजन नहीं बनाया जाता है। शीतला शब्द का अर्थ शीतलता होता है। इस त्योहार को आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में पोलाला अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है। 

शीतला अष्टमी का समय एंव तिथि 

शीतला अष्टमी 2023: बुधवार, 15 मार्च 2023

शीतला अष्टमी 2023 पूजा मुहूर्त: सुबह 10:52 बजे से शाम 07:29 बजे तक 

अवधि: 08 घंटे 37 मिनट

शीतला अष्टमी तिथि प्रारंभ: 14 मार्च 2023 को सुबह से 10:52 बजे

अष्टमी तिथि समाप्त: 15 मार्च 2023 को सुबह 09:15 बजे 

क्या है शीतला अष्टमी का महत्व?

शीतला माता की पूजा जो कि हिंदू पंचांग के हिसाब से चैत्र के महीने में की जाती है। देवी शीतला को प्रकृति की उपचार शक्ति माना जाता है और उन्हें देवी दुर्गा और माता पार्वती का अवतार माना जाता है। इस दिन को कई राज्य में लोग बसौड़ा के नाम से भी जानते हैं। मौसम में बदलाव होने के कारण इस दिन ठंडा खाने की परंपरा है। शास्त्रों के मुताबिक, शीतला माता की पूजा और इस व्रत में ठंडा खाने से संक्रमण और अन्य बीमारियां दूर होती है। 

शीतला अष्टमी पूजन विधि 

-ब्रह्म मुहूर्त में श्रद्धालु ठंडे पानी से स्नान करें। 

- स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर माता शीतला से प्रार्थना करें और एक सुखी, स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन की कामना करें।

- आप मंदिर जाकर माता की पूजा कर सकते हैं और ऐसा संभव न हो तो अपने घर में ही माता की हिंदू नियमों के अनुसार पूजा करें। 

- पूजा के बाद एक दिन पहले बनाए गए भोजन का सेवन करें।

- इस दिन माताएं अपने बच्चों की सलामती के लिए व्रत रखती हैं।

- इस दिन पके हुए भोजन और गर्म भोजन की अनुमति नहीं है।

-इसके बाद शीतला माता व्रत कथा के साथ पूजा का समापन किया जाता है।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई धार्मिक जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Lokmat Hindi इसकी पुष्टि नहीं करता है। कृपया इन जानकारियों पर अमल करने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें) 

Web Title: Sheetala Ashtami 2023 know the auspicious time of worship and importance of fasting

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे