शनि जयंती 2018: कर्मफल दाता को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय, इन मंत्रों के जाप से बरसेगी कृपा
By गुलनीत कौर | Updated: May 15, 2018 08:18 IST2018-05-15T08:18:57+5:302018-05-15T08:18:57+5:30
Shani Jayanti 2018: यदि आपने नीलम रत्न धारण किया हुआ है तो इसे शनि जयंती पर उतार दें।

Shani Jayanti 2018| शनि जयंती 2018
शनि जयंती को भगवान शनि के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष 15 मई को शनि जयंती है। इसी दिन भौमवती अमावस्या और वटसावित्री व्रत भी है। एक से अधिक शुभ तिथियों के कारण इस बार की शनि जयंती अत्यंत शुभ मानी जा रही है। हिन्दू धर्म के अनुसार शनिदेव कर्मफल दाता हैं, यानी मनुष्य के कर्मों के अनुसार ही उसे फल देते हैं। शनिदेव न्याय प्रिय हैं इसलिए अन्याय करने वाले को दंड देते हैं। शनि जयंती के उपलक्ष्य में आइए आपको बताते हैं शनि देव को प्रसन्न करने के कुल 5 उपाय। इन्हें नियमानुसार करने से भगवान शनि की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
- पीपल के पेड़ के नीचे शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं
- चीटियों को काला तिल और गुड़ खिलाएं
- चमड़े के जूते चप्पल गरीबों में दान करें
- पीपल के पेड़ में केसर, चन्दन, फूल आदि अपिर्त करके तेल का दीपक जलाएं
- यदि नीलम धारण किया हुआ है तो इसे शनि जयंती पर उतार दें
यह भी पढ़ें: अगर आप के अंदर मौजूद हैं ये आदतें, तो बरसती है शनिदेव की कृपा
शनि जयंती पर करें इन मंत्रों का जाप:
1. सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्षः शिवप्रियः
मंदचार प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु में शनिः
2. नीलांजन समाभासं रवि पुत्रां यमाग्रजं।
छाया मार्तण्डसंभूतं तं नामामि शनैश्चरम्।।प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
3. ओम शं शनैश्चराय नमः।
4. ओम शं शनैश्चराय नमः।
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।
कण्टकी कलही चाथ तुरंगी महिषी अजा।।
शं शनैश्चराय नमः।
5. ओम शं शनैश्चराय नमः।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु कृष्णौ रौद्रान्तको यमः।
सौरि शनैश्चरा मंद पिप्पलादेन संस्थितः।।
ओम शं शनैश्चराय नमः।