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Sawan Somwar Vrat 2022: कब है सावन का पहला सोमवार व्रत, जानें तिथि, व्रत नियम और महत्व

By रुस्तम राणा | Updated: July 12, 2022 14:06 IST

इस साल 14 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है, जबकि इसका समापन 12 अगस्त को होगा। धार्मिक दृष्टि से यह महीना महत्वपूर्ण माना जाता है।

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Sawan 2022: हिंदू पंचांग में सावन (श्रावण) पांचवा महीना होता है। इस साल 14 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है, जबकि इसका समापन 12 अगस्त को होगा। धार्मिक दृष्टि से यह महीना महत्वपूर्ण माना जाता है। भगवान शिव की भक्ति के लिए सावन का महीना श्रेष्ठ होता है। इस समय श्रृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में होता है। शिवभक्त भी अपने आराध्य को मनाने के लिए तमाम तरह के उपाय करते हैं। सावन में ही कांवड़ यात्रा की जाती है। सावन सोमवार के व्रत किए जाते हैं। इस बार सावन में चार सोमवार व्रत पड़ेंगे। 

सावन सोमवार व्रत 2022 (Sawan Somwar Vrat 2022)

सावन प्रारंभ - 14 जुलाई, गुरुवारसावन का पहला सोमवार - 18 जुलाईसावन का दूसरा सोमवार - 25 जुलाईसावन का तीसरा सोमवार - 01 अगस्तसावन का चौधा सोमवार - 08 अगस्त     सावन मास समाप्त - 12 अगस्त, शुक्रवार

सावन सोमवार व्रत विधि

सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर व्रत का संकल्प लें। अब पूजा स्थल की साफ सफाई कर वेदी स्थापित करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। सुबह शाम शिव परिवार की पूजा- अर्चना करें। तिल के तेल का दीपक जलाएं और भगवान शिव को सफेद फूल अर्पित करें। भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें और शिप चालीसा का पाठ करें। शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करें और सुपारी, पंचामृत, नारियल और बेलपत्र चढ़ाएं। सावन व्रत कथा का पाठ करना न भूलें। भगवान शिव को भोग लगाएं। शाम को पूजा समाप्ति के बाद व्रत खोल सकते हैं।

सावन सोमवार व्रत में इन बातों का रखें ध्यान

सावन सोमवार व्रत में कुछ विशेष नियमों का पालन करना अति आवश्यक होता है। जैसे मान्यता है कि सावन सोमवार के व्रत में मैदा, आटा, बेसन, सत्तू आदि इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन और मसाले जैसे लाल मिर्च, धनिया पाउडर, सादा नमक आदि का  सेवन भी भूलकर न करें। 

सावन महीने का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, श्रावण मास भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे श्रेष्ठ माह होता है। इस समय देवों के देव महादेव समस्त सृष्टि का संचालन करते हैं। शिव पुराण में ऐसा वर्णन मिलता है कि श्रावण मास में महीने माता पार्वती ने निराहार रहकर भोलेनाथ को पति रूप में पाने के लिए कठोर व्रत किया था। इसी कारण ये महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है। इस महीने शिवभक्त शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं। सावन महीने में रुद्राभिषेक करना भी काफी फलदायी बताया जाता है। 

टॅग्स :सावनभगवान शिव
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