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Sawan shivratri 2022: सावन शिवरात्रि पर ये 5 चीजें भगवान शिव को चढ़ाना न भूलें, जीवनभर बनी रहेगी महादेव की कृपा दृष्टि

By रुस्तम राणा | Updated: July 26, 2022 06:39 IST

धार्मिक मान्यता है कि सावन शिवरात्रि के अवसर पर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से पूरे साल की शिव पूजा का फल प्राप्त होता है। सावन शिवरात्रि के दिन शिवजी की कृपा दृष्टि पाने के लिए उन्हें उनकी प्रिय चीजों को अर्पित करना चाहिए। 

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Sawan shivratri 2022: आज सावन शिवरात्रि पर्व पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। शिवभक्त विधि-विधान से महादेव की पूजा अर्चना कर रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि मनाई जाती है। मान्यता है कि आज के दिन भोलेनाथ की आराधना करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। धार्मिक मान्यता है कि सावन शिवरात्रि के अवसर पर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से पूरे साल की शिव पूजा का फल प्राप्त होता है। सावन शिवरात्रि के दिन शिवजी की कृपा दृष्टि पाने के लिए उन्हें उनकी प्रिय चीजों को अर्पित करना चाहिए। 

बेलपत्र:भगवान शिव को शिवरात्रि के दिन बेलपत्र जरूर चढ़ाएं। समुद्र मंथन के समय हलाहल के प्रभाव को कम करने के लिए उन्हें बेलपत्र और जल चढ़ाया गया था। कहते हैं तभी से शिवजी पर जल और बेलपत्र चढ़ाने की प्रथा चल पड़ी।

भांग: कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब शिवजी ने गले में विष धारण किया तो विष का तेज गर्म था कि उसे ठंडा करने के लिए उन्हें भांग का सेवन कराया गया था। भांग की तासीर ठंडी होती है। इसलिए उन्हें भांग बेहद प्रिय है। 

धतूरा: सावन शिवरात्रि के दिन शिव पूजा में भोलेनाथ को धतूरा जरूर चढ़ाना चाहिए। धतूरा चढ़ाने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। 

शमी के पत्ते: भगवान शिव को शमी की पत्तियां बहुत प्रिय हैं। ऐसे में सावन शिवरात्रि के दिन भगवान को अर्पित करने से वह प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही हर कष्ट से छुटकारा मिलता है। साथ ही शनि ग्रह के दोष से छुटकारा मिलता है।

अपामार्ग के पत्ते: सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव को अपामार्ग के पत्ते चढ़ाएं। ऐसा करने से सुख-समृद्धि के साथ संतान की प्राप्ति होती हैं और मोक्ष मिलता है।

दूर्वा: शिवलिंग में दुर्वा घास जरूर चढ़ाना चाहिए। इससे भगवान प्रसन्न होकर लंबी आयु का भी वरदान देते हैं। मान्यता है कि दूर्वा में अमृत का वास होता है।

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