Sawan Somwar Vrat 2022: सावन का पहला सोमवार व्रत 18 जुलाई को रखा जाएगा। महादेव की पूजा के लिए श्रावण सोमवार का विशेष महत्व है। इस बार भगवान शिव के प्रिय मास में चार सावन सोमवार पड़ेंगे। सावन के पहले सोमवार को रवि योग बन रहा है। इस योग में शिव जी की पूजा के साथ मंत्र साधना करना लाभदायक होता है। इसके अलावा सोमवार पर मौना पंचमी का योग भी बन रहा है। मौना पंचमी पर भगवान शिव के साथ नागदेवता की पूजा का विधान है। सावन महीने के पहले सोमवार पर शोभन योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस योग में व्रत, पूजा-पाठ, जप और साधना करने पर समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
सावन पहला सोमवार 2022 मुहूर्त
रवि योग आरंभ - 18 जुलाई 2022, दोपहर 12.24 बजेरवि योग समाप्त - 19 जुलाई 2022, सुबह 5.35 बजेशोभन योग आरंभ - 17 जुलाई 2022, शाम 05:49 बजेशोभन योग समाप्त - 18 जुलाई 2022, अपराह्न 03:26 बजेअभिजीत मुहूर्त - 18 जुलाई 2022, सुबह 11.47 बजे से दोपहर 12.41 बजे तक
सावन सोमवार व्रत 2022 (Sawan Somwar Vrat 2022)
सावन का पहला सोमवार - 18 जुलाईसावन का दूसरा सोमवार - 25 जुलाईसावन का तीसरा सोमवार - 01 अगस्तसावन का चौधा सोमवार - 08 अगस्त
सावन सोमवार व्रत विधि
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर व्रत का संकल्प लें। अब पूजा स्थल की साफ सफाई कर वेदी स्थापित करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। सुबह शाम शिव परिवार की पूजा- अर्चना करें। तिल के तेल का दीपक जलाएं और भगवान शिव को सफेद फूल अर्पित करें। भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें और शिप चालीसा का पाठ करें। शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करें और सुपारी, पंचामृत, नारियल और बेलपत्र चढ़ाएं। सावन व्रत कथा का पाठ करना न भूलें। भगवान शिव को भोग लगाएं। शाम को पूजा समाप्ति के बाद व्रत खोल सकते हैं।
सावन महीने का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, श्रावण मास भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे श्रेष्ठ माह होता है। इस समय देवों के देव महादेव समस्त सृष्टि का संचालन करते हैं। शिव पुराण में ऐसा वर्णन मिलता है कि श्रावण मास में महीने माता पार्वती ने निराहार रहकर भोलेनाथ को पति रूप में पाने के लिए कठोर व्रत किया था। इसी कारण ये महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है। इस महीने शिवभक्त शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं। सावन महीने में रुद्राभिषेक करना भी काफी फलदायी बताया जाता है।