Sankashti Chaturthi 2019: संकष्टी चतुर्थी में गणपति की पूजा करते समय ध्यान रखें ये 5 बड़ी बातें
By मेघना वर्मा | Updated: November 15, 2019 09:57 IST2019-11-15T09:57:30+5:302019-11-15T09:57:30+5:30
पूर्णिमा के दिन आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।

Sankashti Chaturthi 2019: संकष्टी चतुर्थी में गणपति की पूजा करते समय ध्यान रखें ये 5 बड़ी बातें
देशभर में आज संकष्टी चतुर्थी का त्योहार मनाया जा रहा है। हिन्दू धर्म में इस पर्व को बेहद शुभ मानते हैं। किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले प्रथम पूजनीय गणेश भगवान की पूजा की जाती है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी मनाया जाता है। आज के दिन देश भर में गणपति की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस साल यह तिथि 15 नवंबर को पड़ रही है।
संकष्टी चतुर्थी का महत्व
संकष्टी चतुर्थी हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। बता दें पूर्णिमा के दिन आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी पाप कट जाते हैं साथ ही इंसान की सभी मनोकामना भी पूरी होती है। कहते हैं इस दिन गणेश जी पर दु्र्वा चढ़ाना शुभ होता है।
संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
संकष्टी चतुर्थी तिथि- 15 नवंबर
चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 7:46 PM (15 नवंबर)
चतुर्थी तिथि समाप्त - 7:15PM (16 नवंबर)
चंद्रोदय - 8:30 PM
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा में रखें ये ध्यान
1. इस दिन व्रत रखने वाले भक्तों को दिन में सोने से बचना चाहिए।
2. संकष्टी चतुर्थी के व्रत में मौन रहना चाहिए या फिर कम बोलना चाहिए।
3. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
4. गणेश जी की पूजा में गुड़हल के फूल और दूर्वा जरूर अर्पित करने चाहिए।
5. रात में चंद्र दर्शन के बाद परिवार वालों में प्रसाद बांटकर अपना व्रत पूर्ण करना चाहिए। सूर्यास्त के बाद चांद को तिल, गुड़ आदि से अर्घ्य देना चाहिए और फिर व्रत खोलना चाहिए।