रमजान का महीना शुरू हो चुका है। मुसलिम समुदाय के इस महीने में लोग अल्लाह की इबादत करते हैं। इन्हीं रमजान के दिनों में लोग रोजा भी रखते हैं। 28 अप्रैल यानी आज रमजान के रोजे का चौथा दिन है। इस दिन भी लोग रोजा रखेंगे।
रोजा रखने का कारण है खुदा में यकीन रखना और उनकी इबादत करना। रोजे के समय पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है। मगर इस बार लॉकडाउन के चलते ये नमाज घरों पर ही पढ़ी जाएगी। सभी मुसलिम धर्म गुरुओं ने भी लोगों से अपील की है कि वो इस लॉकडाउन में बाहर ना निकलें। घर पर रहकर ही नमाज अदा करें।
वहीं रमजान के महीने में दो चीजें अहम होती हैं। पहला सहरी और दूसरा इफ्तार। सहरी दिन में सूरज निकलने से पहले किया जाता है जिसमें हर दिन सुबह तय समय पर भोजन किया जाता है। इसके बाद पूरे दिन कुभ नहीं खाया जाता। सहरी करने को सुन्नत कहा जाता है।
वहीं दूसरी सबसे जरूरी चीज होती है इफ्तार। शाम को सूरज डूब जाने के बाद रोजेदार जब रोजा खोलते हैं तो इसे इफ्तार कहते हैं। इफ्तार को हमेशा खजूर खाकर खोला जाता है। अगर ऐसा नहीं है फिर भी इफ्तार में सबसे जरूरी खजूर ही होता है।
आइए आपको बताते हैं 28 अप्रैल को सहरी और इफ्तार का समय-
चौथा रोजा - 28 अप्रैल 2020सहरी - 04:18इफ्तार -18:57 रमजान के पाक महीने में शाम की इफ्तार का खास भोजन खजूर होता है। मान्यता है कि खजूर खाकर ही पैगम्बर मोहम्मद ने अपने रोजे को खोला था। रमजान के महीने को तीन भागों में बांटा गया है। शुरुआती 10 दिन के को 'रहमतों का दौर' बताया गया है। 10 दिन के दूसरे भाग को 'माफी का दौर' कहा जाता है और 10 दिन के आखिरी हिस्से को 'जहन्नुम से बचाने का दौर' पुकारा जाता है।