लोस सेवा शहर में इस्लाम के पवित्र माहे रमजान का चांद शुक्रवार को नजर आ गया है। शुक्रवार रात से ही पहली तरावीह और सहरी की शुरुआत हो गई है। कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन के चलते इस साल रमजान की सारी इबादत घरों में ही होने वाली है।
शहर के मुस्लिम धुर्मगुरुओं ने मुस्लिम समुदाय को पहले ही यह अपील कर दी है कि वे इस साल लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करते हुए इफ्तार और सहरी अपने घरों में ही करें। वहीं, पांचों फर्ज नमाजों के साथ ही तरावीह की नमाज भी घर में ही अदा करें। इस बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से भी एक-दूसरे को मैसेज भेजकर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की जा रही है।
हर साल रमजान में शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों में जो रौनक नजर आती थी और इस दौरान जो बाजार सजता था, वह रौनक इस साल लॉकडाउन के कारण नजर नहीं आ सकेगी। इस बार लॉकडाउन के चलते घरों से इबादत करने के लिए उलेमा ने अपील भी की है।
मिली है ये हिदायतें
1. किसी भी बीमारी या बहुत ज्यादा कमजोरी पर रोजा छोड़ सकते हैं। 2. लॉकडाउन के चलते जुमे की नमाज सहित अन्य नमाजों को भी घर पर अदा करें।3. प्रशासन द्वारा तय समय में ही इफ्तार और सहरी के लिए सामान खरीदें।4. छह या दस दिन की तरावीह पढ़ने के बजाए एक दिन या सवा सिपारा पढ़ें।5. लॉकडाउन के चलते इफ्तार पार्टी या मस्जिदों में जाने से बचें।6. अगर मस्जिदों में नमाज पढ़ने की छूट दी जाती है तो कुछ लोग ही जाएं।