इस्लाम धर्म में रमजान का महीना सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस्लाम कैलेंडर के अनुसार हर साल नौवां महीना, रमजान का महीना होता है। इस रमजान के महीने में मुस्लिम लोग रोजा रखते हैं। जिसे बेहद कठिन माना जाता है। इस रोजे के दौरान सूर्योदय से लेकर सर्यास्त तक कुछ भी खाने-पीने की मनाही होती है।
रमजान में बुरी आदतों से भी दूर रहा जाता है। मुसलमान लोग, रमजान के महीने में अल्लाह को उनकी नेमत के लिए शुक्रिया अदा करते हैं। महीने भर रोजे के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद उल फितर मनाया जाता है। रमजान के इस पाक महीने की शुरुआत कब और कैसे हुई, क्या है इसका इतिहास आइए हम बताते हैं आपको-
जब मोहम्मद साहब को हुआ पवित्र कुरान का ज्ञान
माना जाता है कि साल 610 में मोहम्मद साहब को लेयलत उल-कद्र के मौके पर पवित्र कुराना शरीफ का ज्ञान प्राप्त हुआ। तभी से रमजान को मनाने की परंपरा शुरू हुई। उसी वक्त से मुसलिम समुदाय के लिए ये रमजान का महीना पाक महीना कहा जाने लगा। इस पवित्र महीने में मुसलमानों को कुछ खास सावधानियां बरतनी पड़ती हैं।
ना आए मन में गलत विचार
रमजान के पाक महीने में मुसलिम समुदाय बहुत सावधानी से रोज रखता है। भूखे-प्यासे रहने के साथ मन में बुरे विचारों को ना आने देने के लिए भी कहा जाता है। रमजान में मुसलमान को किसी की बदनामी करने, लालच करने, झूठ बोलने और झूठी कसम खाने से भी बचना चाहिए।
माना जा रहा है कि इस बार रमजान का ये पाक महीना 23/24 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। चांद दिखने के साथ ही रमजान का पवित्र महीना शुरू हो जाएगा। इस्लामिक मान्यता के अनुसार जिस दिन भी चांद दिखता है उसके अगले दिन से रमजान का पवित्र महीना शुरू होता है।