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Ramadan 2019: भारत में कब दिखेगा रमजान का चांद, कब है पहला रोजा, ईद कब मनाई जाएगी

By उस्मान | Updated: April 22, 2020 09:46 IST

Ramadan 2020 date in India: रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौंवा महीना होता है, इस महीने मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं

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Ramadan 2020 Date: भारत में रमजान का चांद कब दिखेगा और रोजे कब से शुरू हो रहे हैं? रमजान 2020 (Ramadan 2020) का चांद 23 अप्रैल को नज़र आ सकता है, यानी पहला रोजा 24 अप्रैल को और आखिरी रोजा 23 मई को हो सकता है। इस तरह से भारत में मीठी ईद (Eid al Fitr 2020) का पर्व 24 मई को मनाया जा सकता है। 

भारत में रमजान कब से शुरू है (Ramadan 2020 date in India)

अगर ऐसा नहीं हुआ और रमजान का चांद 24 अप्रैल को दिखा तो पहला रोजा 25 अप्रैल को और आखिरी रोजा 24 मई को होगा। इस तरह ईद की तारीख 25 मई हो सकती है। हालांकि यह मसला 23 अप्रैल (गुरुवार) की शाम रमजान का चांद (Ramzan ka chand) दिखने या नहीं दिखने पर स्पष्ट हो जाएगा। अगर इस दिन चांद दिखा तो 24 को, नहीं दिखा तो 25 अप्रैल को पहला रोजा होगा।     

आपको बता दें कि रमजान और ईद के सही तारीख इस्लामिक कैलेंडर के 9वें महीने (हिजरी 1440) के अनुसार तय होती है। यह महीना 29 या 30 दिन का होता है और इस महीने की लंबाई शव्वाल चंद्रमा के देखे जाने के आधार बदल सकती है।

रमजान क्या हैं (Ramadan Practices and Blessings)

इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना रमजान है जिसे अरबी भाषा में रमादान कहते हैं। नौवें महीने यानी रमजान को 610 ईस्वी में पैगंबर मोहम्मद पर कुरान प्रकट होने के बाद मुसलमानों के लिए पवित्र घोषित किया गया था। रोजे रखना इस्लाम के पांच स्तंभों (कलमा, नमाज,  जकात, रोजा और हज ) में से एक है। कुरान सूरा 2 के आयात 183 और 184 मे हर व्यक्ति को इस पाक महीने मे हुजूर की तरह ही सुबह से लेकर शाम सूरज डूबने तक कुछ भी खाने-पीने की मनाही है। अल्लाह रोजेदार और इबादत करने वालों की दुआ कूबुल करता है और इस पवित्र महीने में गुनाहों से बख्शीश मिलती है।

रमजान और अहमियत (History and Obligations)

कुरान के अनुसार, अल्लाह ने अपने दूत के रूप में पैगम्बर साहब को चुना तथा रमजान के दौरान ही उनको कुरान के बारे में पता चला था। रमजान के आखिरी 10 दिनों का सबसे ज्यादा महत्व होता हैं क्योंकि इन्हीं दिनों में कुरान पूरी हुई थी। रमजान के महीने को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहला हिस्सा 1 से 10 रोजे तक होता है, जिसमें बताया गया है कि यह रहमतों (कृपा) का दौर होता है। वहीं दूसरे दस दिन मगफिरत (माफी) का और आखिरी हिस्सा जहन्नुम (नर्क) की आग से बचाने का करार दिया गया है।

रमजान से जुड़ी मान्यताएं

माना जाता है कि रमजान के पाक महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। इस माह में किए गए अच्छे कर्मों का फल कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है।खुदा अपने बंदों के अच्छे कामों पर नजर रखता है, उनसे खुश होता है।कहते हैं कि रमजान के पाक महीने में नर्क के दवाजे बंद कर दिये जाते हैं।माहे रमजान में नफिल नमाजों का सवाब फर्ज के बराबर माना जाता है। पाक रमजान महीने में फर्ज नमाजों का सवाब 70 गुणा बढ़ जाता है।रोजेदार को झूठ बोलना, चुगली करना, गाली-गलौज करना, औरत को बुरी नजर से देखना, खाने को लालच भरी नजरों से देखना मना होता है।रमजान के पाक महीने में अल्लाह से अपने सभी बुरे कर्मों के लिए माफी भी मांगी जाती है।महीने भर तौबा के साथ इबादतें की जाती हैं। ऐसा करने से इंसान के सारे गुनाह माफ हो जाते हैं।

टॅग्स :रमजानइस्लामईद
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