आज (9 सितंबर) को परिवर्तिनी एकादशी है। इस एकदशी को पद्मा और वर्तमान एकादशी के रूप में जाना जाता है। इस एकादशी को भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। किवंदतियां हैं कि भगवान विष्णु क्षीर सागर में सोते हुए करवट लेते हैं इसलिए इस एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की है। इस दिन स्नान और दान का भी विशेष महत्व होता है। परिवर्तिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वामन स्वरूप की पूजा होती है, इससे तीनों ही लोकों की पूजा होती है। इस एकादशी का शास्त्रों में बड़ा महत्व बताया गया है।
पद्मा एकादशी के दिन जो भक्त कमल से वामन भगवान की पूजा करता है उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है। बहुत से लोग इस दिन व्रत रखते हैं। जो लोग जीवन मरण के चक्र से मुक्त होना चाहते हैं, मोक्ष को प्राप्त करना चाहते हैं, उनको परिवर्तिनी एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए।
पूजन विधि
पद्मा एकादशी के विषय में शास्त्र कहता है कि इस दिन चावल, दही एवं चांदी का दान करना उत्तम फलदायी होता है। जो लोग किसी कारणवश पद्मा एकादशी का व्रत नहीं कर पाते हैं उन्हें पद्मा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की कथा का पाठ करना चाहिए।