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Panchang 18 July 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

By रुस्तम राणा | Updated: July 18, 2025 05:29 IST

आज का पंचांग, आज की तिथि, वार, नक्षत्र, करण, योग के साथ-साथ अभिजीत मुहुर्त, राहुकाल, सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, चंद्रास्त, चंद्र राशि, सूर्य राशि के बारे में जानकारी देता है।

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Today Panchang | आज का पंचांग, 18 जुलाई  2025

सूर्योदय

05:35 ए एम

सूर्यास्त07:20 पी एम
चंद्रोदय12:06 ए एम, जुलाई 19
चंद्रास्त12:54 पी एम
तिथि

अष्टमी, 05:01 पी एम तक

नवमी

नक्षत्र

अश्विनी, 02:14 ए एम, जुलाई 19 तक

भरणी

योग

सुकर्मा, 06:48 ए एम तक

धृति, 03:56 ए एम, जुलाई 19 तक

शूल

करण

बालव, 06:07 ए एम तक

कौलव, 05:01 पी एम तक

तैतिल, 03:53 ए एम, जुलाई 19 तक

गर

वारशुक्रवार
चंद्र मास (अमांत)आषाढ़
चंद्र मास (पूर्णिमांत)श्रावण
पक्षकृष्ण
चंद्र राशि

मेष

सूर्य राशि

कर्क

ऋतुवर्षा
ब्रह्म मुहूर्त04:13 ए एम से 04:54 ए एम
अभिजीत मुहूर्त12:00 पी एम से 12:55 पी एम
विजय मुहूर्त02:45 पी एम से 03:40 पी एम
गोधूलि मुहूर्त07:18 पी एम से 07:39 पी एम
अमृत काल07:27 पी एम से 08:57 पी एम
निशिता मुहूर्त12:07 ए एम, जुलाई 19 से 12:48 ए एम, जुलाई 19
सर्वार्थ सिद्धि योग05:35 ए एम से 02:14 ए एम, जुलाई 19
राहुकाल10:44 ए एम से 12:27 पी एम
विक्रमी संवत्2082
शक संवत्1945  शोभकृत

हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहूर्त का विचार अवश्य किया जाता है। शादी-ब्याह, ग्रह प्रवेश, नवीन कार्य आदि अनुष्ठान पंडितों, ज्योतिषियों से पूछकर किए जाते हैं। ऐसे ही दैनिक जीवन में शुभ कार्य के लिए भी पंचांग देखा जाता है। दैनिक जीवन में कौनसा समय आपके लिए शुभ होगा और कौनसा समय आपके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। ये जानकारी आपको आज का पंचांग के माध्यम से प्राप्त होती है। आज का पंचांग, आज की तिथि, वार, नक्षत्र, करण, योग के साथ-साथ मुहुर्त, राहुकाल, सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, चंद्रास्त, चंद्र राशि, सूर्य राशि के बारे में जानकारी देता है। 

क्या होता है पंचांग? 

हिन्दू शास्त्र के अनुसार, पंचांग पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार हैं। हिन्दू धार्मिक परंपरा में किसी भी शुभ मुहूर्त को निकालने के लिए पंचांग का प्रयोग किया जाता है। पंचांग के परामर्श के बिना शुभ कार्य जैसे शादी, नागरिक सम्बन्ध, महत्वपूर्ण कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह, परीक्षा, साक्षात्कार, नया व्यवसाय या अन्य किसी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं।

शुभ मुहूर्त निकालने में पंचांग की भूमिका

जैसा कि प्राचीन समय से बताया गया है कि हर क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है। इसी तरह जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के अनुरूप कार्य करता है तो पर्यावरण प्रत्येक व्यक्ति के साथ समान तरीके से कार्य करता है। एक शुभ कार्य प्रारम्भ करने से पहले महत्वपूर्ण तिथि का चयन करने में हिन्दू पंचांग मुख्य भूमिका निभाता है।

ग्रह और नक्षत्र की चाल पर आधारित होती है गणना

भारतीय पंचांग ग्रह और नक्षत्र की चाल पर आधारित है, जिसकी गणना सटीक होती है। यही कारण है कि हिन्दू संस्कृति में शादी-मुंडन, गृह प्रवेश सहित सोलह संस्कार एवं म>jgfvxz

Today Panchang | आज का पंचांग, 15 जुलाई  2025

सूर्योदय

05:33 ए एम

सूर्यास्त07:21 पी एम
चंद्रोदय10:26 पी एम
चंद्रास्त09:45 ए एम
तिथि

पंचमी, 10:38 पी एम तक

षष्ठी

नक्षत्र

शतभिषा, 06:26 ए एम तक

पूर्व भाद्रपद

योग

सौभाग्य, 02:12 पी एम तक

शोभन

करण

कौलव, 11:21 ए एम तक

तैतिल, 10:38 पी एम तक

गर

वारमंगलवार
चंद्र मास (अमांत)आषाढ़
चंद्र मास (पूर्णिमांत)श्रावण
पक्षकृष्ण
चंद्र राशि

कुंभ, 11:58 पी एम तक

मीन

सूर्य राशि

मिथुन

ऋतुवर्षा
ब्रह्म मुहूर्त04:12 ए एम से 04:52 ए एम
अभिजीत मुहूर्त11:59 ए एम से 12:55 पी एम
विजय मुहूर्त02:45 पी एम से 03:40 पी एम
गोधूलि मुहूर्त07:19 पी एम से 07:40 पी एम
अमृत काल09:59 पी एम से 11:33 पी एम
निशिता मुहूर्त12:07 ए एम, जुलाई 16 से 12:48 ए एम, जुलाई 16
राहुकाल03:54 पी एम से 05:37 पी एम
विक्रमी संवत्2082
शक संवत्1945  शोभकृत

हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहूर्त का विचार अवश्य किया जाता है। शादी-ब्याह, ग्रह प्रवेश, नवीन कार्य आदि अनुष्ठान पंडितों, ज्योतिषियों से पूछकर किए जाते हैं। ऐसे ही दैनिक जीवन में शुभ कार्य के लिए भी पंचांग देखा जाता है। दैनिक जीवन में कौनसा समय आपके लिए शुभ होगा और कौनसा समय आपके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। ये जानकारी आपको आज का पंचांग के माध्यम से प्राप्त होती है। आज का पंचांग, आज की तिथि, वार, नक्षत्र, करण, योग के साथ-साथ मुहुर्त, राहुकाल, सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, चंद्रास्त, चंद्र राशि, सूर्य राशि के बारे में जानकारी देता है। 

क्या होता है पंचांग? 

हिन्दू शास्त्र के अनुसार, पंचांग पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार हैं। हिन्दू धार्मिक परंपरा में किसी भी शुभ मुहूर्त को निकालने के लिए पंचांग का प्रयोग किया जाता है। पंचांग के परामर्श के बिना शुभ कार्य जैसे शादी, नागरिक सम्बन्ध, महत्वपूर्ण कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह, परीक्षा, साक्षात्कार, नया व्यवसाय या अन्य किसी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं।

शुभ मुहूर्त निकालने में पंचांग की भूमिका

जैसा कि प्राचीन समय से बताया गया है कि हर क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है। इसी तरह जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के अनुरूप कार्य करता है तो पर्यावरण प्रत्येक व्यक्ति के साथ समान तरीके से कार्य करता है। एक शुभ कार्य प्रारम्भ करने से पहले महत्वपूर्ण तिथि का चयन करने में हिन्दू पंचांग मुख्य भूमिका निभाता है।

ग्रह और नक्षत्र की चाल पर आधारित होती है गणना

भारतीय पंचांग ग्रह और नक्षत्र की चाल पर आधारित है, जिसकी गणना सटीक होती है। यही कारण है कि हिन्दू संस्कृति में शादी-मुंडन, गृह प्रवेश सहित सोलह संस्कार एवं म>jgfvxz

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