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Panchak in September: पंचक आज आधी रात के बाद से होगा शुरू, रखें इन बातों का ध्यान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 11, 2019 07:28 IST

वैदिक ज्योतिष के अनुसार पांच नक्षत्रों के विशेष मेल से बनने वाले योग को पंचक कहा जाता है। दिन के हिसाब से सभी पंचक का प्रभाव अलग-अलग होता है। यह इस बात पर भी निर्भर है कि पंचक की शुरुआत किस दिन से हुई है।

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ठळक मुद्देहिंदू मान्यताओं के अनुसार हर महीने लगता है पंचकपंचक के दौरान नहीं करने चाहिए शुभ काम, पांच नक्षत्रों के मेल से बनता है पंचक

Panchak in September 2019: अशुभ समय के तौर पर देखे जाने वाले पंचक काल की शुरुआत इस बार सितंबर में आज आधी रात के बाद से हो रही है। पंचांग के अनुसार पंचक बुधवार आधी रात के बाद 3.29 बजे से लग रहा है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार ग्रहों और नक्षत्रों की चाल का हमारे जीवन पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। इसमें पंचक काल बहुत अहम बन जाता है। पांच दिनों तक लगने वाले पंचक काल में शुभ काम करने की मनाही होती है।

Panchak in September 2019: पंचक काल कब से कब तक

पंचक बुधवार आधी रात के बाद 3.29 से लग रहा है और 17 सितंबर (मंगलवार) को तड़के 4.23 बजे खत्म होगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार पांच नक्षत्रों के विशेष मेल से बनने वाले योग को पंचक कहा जाता है। चंद्रमा एक राशि में ढाई दिन रहता है। इस तरह दो राशियों में चंद्रमा पांच दिनों तक रहता है। 

इन्हीं पांच दिनों के दौरान चंद्रमा जब आखिरी पांच नक्षत्रों धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती से होकर गुजरता है तो इसे पंचक कहते हैं। दरअसल, कुल 27 नक्षत्र होते हैं। इसी में आखिरी पांच को दूषित माना गया है।

Panchak in September 2019: पंचक के दिन और प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के अनुसार दिन के हिसाब से सभी पंचक का प्रभाव अलग-अलग होता है। यह इस बात पर निर्भर है कि पंचक की शुरुआत किस दिन से हुई है। अगर पंचक की शुरुआत रविवार से होती है तो उसे रोग पंचक कहते हैं, ऐसे ही शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। सोमवार से शुरू हुए पंचक को राजपंचक, मंगलवार को अग्नि पंचक, बुध और गुरुवार को अशुभ जबकि शुक्रवार को चोर पचंक कहा जाता है।

Panchak in September 2019: पंचक में नहीं करें ये काम

मान्यता है कि पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। इसे दरअसल यम की दिशा के तौर पर जाना जाता है। इसलिए इस दिशा में पंचक के दौरान यात्रा से हानि और कष्ट की आशंका रहती है।

पंचक के दौरान सोने के लिए स्थान जैसे पलंग बनवाना, पलंग खरीदना, बिस्तर आदि खरीदना भी वर्जित है। इन दिनों में इन्हें खरीदना अशुभ माना गया है। पंचक काल में घर की छत नहीं डाली जानी चाहिए। इसे नुकसान और घर में क्लेश की आशंका बनी रहती है।

पंचक हर 27 दिन में आता है। इस लिहाज से सितंबर के बाद अब अक्टूबर में पंचक 9 तारीख से लगेगा। यह पंचक 9 अक्टूबर को सुबह 9.42 बजे से 14 अक्टूबर (सोमवार) को 10.21 के बीच रहेगा। 

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