निर्जला एकादशी का व्रत इस बार 13 जून (गुरुवार) को है। इस व्रत को हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार इस एकादशी पर व्रत करने से साल के सभी एकादशियों का पुण्य मिलता हैं। हिंदू पंचाग के अनुसार साल भर मे 24 एकादशियां पड़ती है लेकिन निर्जला एकादशी का महत्व विशेष है। निर्जला एकादशी में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस व्रत को सबसे कठिन व्रतों में शामिल किया जाता है। कई ऐसी बातें हैं, जिसका साधक को इस व्रत को करने के समय विशेष ध्यान रखना चाहिए। आज हम आपको कुछ ऐसी ही बातें बताने जा रहे हैं, जिसका खास ख्याल रख कर आप इस व्रत का पुण्य हासिल कर सकेंगे।
निर्जला एकादशी 2019: इस दिन नहीं करे ये काम
- इस व्रत को करने वाले साधक को शुद्धता का विशेष ख्याल रखना चाहिए। एक दिन पहले से ही सात्विक भोजन करें। साथ ही ब्रह्मचर्य का भी पालन अनिवार्य रूप से करें।
- मान्यताओं के अनुसार एकादशी की रात साधव को सोना नहीं चाहिए और भगवान विष्णु की अराधना करनी चाहिए।
- एकादशी के दिन जल ग्रहण करने की भी मनाही है। हालांकि, अगर आप गर्मी की वजह से ज्यादा परेशानी महसूस करें तो किसी धर्म के जानकार से पूछ कर जूस आदि ले सकते हैं। साथ ही चावल का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
- इस दिन क्रोध को खुद से दूर रखने की कोशिश करें। मान्यता है कि क्रोध करने से मानसिक हिंसा होती है और व्रत में बाधा आती है। इसलिए शांत रहे और प्रभु की अराधना में अपना ज्यादा से ज्यादा समय बिताए।
- इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा का विशेष महत्व है। इनकी पूजा जरूर करें। बाल गोपाल को भोग लगाते समय तुलसी के पत्ते जरूर रखें। तुलसी के बिना लड्डू गोपाल को भोग नहीं लगाना चाहिए।