नक्षत्रों के बदलाव से मिल रहे भयानक संकेत, शुक्र राहु के ठीक ऊपर से गुजरेगा, जानें क्या है इसका मतलब

By गुणातीत ओझा | Updated: August 8, 2020 18:10 IST2020-08-07T16:09:51+5:302020-08-08T18:10:43+5:30

अगस्त माह शुरू होते ही ग्रहों और नक्षत्रों ने अपनी चाल बदलना शुरू कर दी है। नक्षत्र परिवर्तन एक नियमित घटना है और इसका प्रभाव पूरी पृथ्वी पर पड़ता है।

nakshatron ke parivartanon se mil raha bhayaanak sanket shukr raahu ke theek oopar se gujarega jaanen isaka kya arth hai | नक्षत्रों के बदलाव से मिल रहे भयानक संकेत, शुक्र राहु के ठीक ऊपर से गुजरेगा, जानें क्या है इसका मतलब

नक्षत्रों के बदलाव से मिल रहे भयानक संकेत, शुक्र राहु के ठीक ऊपर से गुजरेगा, जानें क्या है इसका मतलब

Highlightsअगस्त माह शुरू होते ही ग्रहों और नक्षत्रों ने अपनी चाल बदलना शुरू कर दी है।नक्षत्र परिवर्तन एक नियमित घटना है और इसका प्रभाव पूरी पृथ्वी पर पड़ता है।

अगस्त माह शुरू होते ही ग्रहों और नक्षत्रों ने अपनी चाल बदलना शुरू कर दी है। नक्षत्र परिवर्तन एक नियमित घटना है और इसका प्रभाव पूरी पृथ्वी पर पड़ता है। लेकिन नक्षत्र परिवर्तन लग्न और राशि पर ज्यादा प्रभाव छोड़ते हैं। किसी के लिए नक्षत्र परिवर्तन बहुत अच्छा होता है तो किसी के लिए काफी नुकसानदायक होता हैं। ग्रहों और नक्षत्र परिवर्तनों में त्रिग्रही बुध कर्क में, शुक्र मिथुन में, सूर्य कर्क एवं सिंह में और शनि नवांश परिवर्तन यह परिस्थितियां सही संकेत नहीं दे रही हैं। 

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र राहु के ठीक ऊपर से गुजरेगा। यह बहुत भयानक स्थिति होने वाली है। वृषभ मिथुन तुला कन्या लग्न आज से अगले 9 दिन तक संभवत यात्रा न करें। भीड़ से दूर रहें। 

शुक्र पुष्य नक्षत्र को जैसे ही पार करेंगे। सभी किसान भाइयों के चेहरे खिल उठेंगे। जैसे-जैसे सूर्य बुध और शुक्र आगे बढ़ेंगे वैसे-वैसे बरसात होगी। 7 अक्टूबर से पहले मानसून विदाई नहीं लेगा। 8 अगस्त को शनि नवांश परिवर्तन लोगों के जीवन में कई तरह के शुभ और अशुभ परिवर्तन लायेगा। दिनांक 6,7, 8 और 15, 17, 18, 31 अगस्त समय सही नहीं है। नक्षत्रों की गणना कहती है कि पहाड़ी क्षेत्र एवं समुद्र के नजदीक क्षेत्र सुरक्षित नहीं है सावधान रहें सतर्क रहें।

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास के अनुसार मंगल इस समय यम के रूप में है इस कारण अग्नि कांड ज्यादा होंगे। किसी शहर में गैस लीकेज की दुर्घटना होने की संभावना। इस समय गुरू शुभ है तो निश्चित रूप से बचाव होगा और 5 सितंबर से मंगल शुभ होगा और सभी जगह अच्छा होगा। केतु मूल नक्षत्र में एवं गुरु पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में और 8 अगस्त को शनि नवांश परिवर्तन कर रहा है। शुक्र अभी रोहिणी नक्षत्र में है जो कि सामान्य गति से बढ़ता रहेगा। बुध और सूर्य दिनांक 6, 7, 8, 15, 17, 18 अगस्त तक बुरे प्रभाव देंगे और दिनांक 31 अगस्त को त्रिग्रही क्रमशः बुध शुक्र और सूर्य शुभ नहीं है। मेष सिंह धनु लग्न के लोग 1 से 17 अगस्त के बीच में किसी भी प्रकार के ऑफर को स्वीकार नहीं करें। आपके साथ धोखा होने की संभावना है।

ज्योतिषाचार्य और भविष्यवक्ता अनीष व्यास के अनुसार गुरु का नक्षत्र परिवर्तन हो रहा है और 30 सितंबर 2020 तक इसका प्रभाव रहेगा। यह नक्षत्र परिवर्तन बहुत महत्वपूर्ण है। गुरु जीव को बोलते हैं और गुरु हमेशा शुभ रहता है लेकिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र शुक्र का है और जो अभी इस समय खराब है यानि कि यह ग्रह हमको बुरे परिणाम दे देगा। भरणी, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, अश्लेषा, रेवती, जेष्ठा, मृगशिरा, चित्रा, घनिष्ठा, पुनर्वसु, विशाखा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र  वालों को सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। यह परिवर्तन उनके लिए खराब है। इससे बचने के लिए लोगों को संयम से जीवन जीने की जरूरत है। इसके अलावा विवाद की स्थिति न बने इसलिए वाणी में भी संयम बरतने की बेहद जरूरत है। यह आपके लिए बेहद समय खराब है। कोई भी जरूरी कागजात, त्वचा, प्रोस्टेट, छोटी यात्रा, मोटापा, सरकार से संबंधित और लिखावट से आपको कोई समस्या आ सकती है। 

धनु राशि, धनु लग्न और धनु नवांश को 40 से 60 दिन कष्ट उठाने पडेगें। वृषभ राशि, वृषभ लग्न और वृषभ नवमांश ने बहुत दुख उठाए और अभी 45 दिन खराब हैं।  मकर राशि, मकर लग्न और मकर नवमांश को भी सावधान रहना चाहिए। इन तीनों का समय अशुभ है। दिनांक 23 सितंबर 2020 को केतु के वृश्चिक राशि में प्रवेश करने के साथ ही समय अच्छा हो जायेगा।

ज्योतिषाचार्य और भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि दिनांक 29 सितंबर को गुरु का नक्षत्र परिवर्तन होगा। वह बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा यानि कि सभी के लिए समय शुभ होगा। जिन राशियों, लग्न और नवमांश को परेशानी और कष्ट उठाने पड़े हैं। उन सभी के लिए यह परिवर्तन महत्वपूर्ण होगा और धीरे-धीरे सभी को लाभ होगा।

नक्षत्र द्वारा विशेष लाभ 
शतभिषा नक्षत्र में सूर्योदय जब हो रहा है और उस दिन रविवार हो तो उस दिन कोई भी दवाई या औषधि उस दिन शुरू करते हैं तो पुराने से पुराने रोग से आपको छुटकारा मिल जाए। मृगशिरा चित्रा धनिष्ठा पुष्य अनुराधा उत्तराभाद्रप्रद नक्षत्र साथ में रविवार और मंगलवार हो उस दिन लिया गया कर्जा  कभी नहीं उतरता है। किसी दिन रविवार को अश्लेषा नक्षत्र हो तो पीसने वाले मसाले यथा साबुत लाल मिर्च आदि खरीदना, गुरूवार को पुष्य नक्षत्र में सूर्योदय हो तो धातु खरीदना या फल का दान अत्यंत शुभ होगा।

क्या घटना घटित हो सकती है
शुक्र राहु के ठीक ऊपर से गुजरेगा। यह बहुत भयानक स्थिति होने वाली है। वृषभ मिथुन तुला कन्या लग्न आज से अगले 9 दिन तक संभवत यात्रा न करें। भीड़ से दूर रहें। शुक्र पुष्य नक्षत्र को जैसे ही पार करेंगे। सभी किसान भाइयों के चेहरे खिल उठेंगे। जैसे-जैसे सूर्य बुध और शुक्र आगे बढ़ेंगे वैसे-वैसे बरसात होगी। 7 अक्टूबर से पहले मानसून विदाई नहीं लेगा। नक्षत्रों के परिवर्तन के कारण पहाड़ी क्षेत्र एवं समुद्र के नजदीक क्षेत्र सुरक्षित नहीं है सावधान रहें सतर्क रहें। पूर्वोत्तर भारत असम कोलकाता आसनसोल धनबाद पटना गया भुवनेश्वर आंध्र प्रदेश बेंगलुरु कोची चेन्नई सेलम बेंगलुरु मुंबई द्वारिका अहमदाबाद उदयपुर माउंट आबू पोकरण रामदेवरा बाड़मेर बीकानेर अनूपगढ़ पाकिस्तान कराची मुल्तान अफगानिस्तान तजाकिस्तान पाक अधिकृत कश्मीर, तिब्बत नेपाल चीन जापान इंडोनेशिया सिंगापुर हांगकांग यूरोप सोवियत संघ अमेरिका अरब दक्षिण अफ्रीका यहां पर प्राकृतिक आपदा होने की संभावना है या कुछ घटना घटित होगी। यह सच है कि 18 अगस्त के बाद में नहीं होगा। राजनीति राजनैतिक खेल कला साहित्य संगीतकार पत्रकार मीडिया फिल्म टीवी इंडस्ट्री और इनसे जुड़े सभी पर खतरा है और बुरा समय है। दिनांक 22 अगस्त तक बुरी खबर आने की संभावना है। अक्टूबर और नवंबर में कोई बड़े षड्यंत्र का खुलासा होगा। भूकंप और सुनामी आने की संभावना है। साथ ही प्राकृतिक आपदा होगी। 

उपाय
ज्योतिषाचार्य और भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि घर पर हनुमान जी की तस्वीर के समक्ष सुबह और शाम आप सरसों के तेल का दीपक जलाएं। आपकी सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। सरसों के तेल का दीपक सुबह 9:00 बजे से पहले और सांयकाल 7:00 बजे के बाद जलाना है। आप सभी शिव की आराधना करो या राम का उच्चारण करो। शिव की कृपा होगी और मंगल से पीड़ित नहीं होंगे। पक्षियों के दाना-पानी की व्यवस्था करें।  सूर्य भगवान को जल में हल्दी मिलाकर अर्ध्य प्रतिदिन दें।  शिवलिंग पर दूध और पानी का जलाभिषेक करें। ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट या दूर करती है।

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