Merry Christmas 2019: बाइबल में यीशु के जन्म को लेकर नहीं है कोई तारीख दर्ज, फिर 25 दिसंबर को क्यों मनाते हैं क्रिसमस?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 24, 2019 15:28 IST2019-12-24T15:28:40+5:302019-12-24T15:28:40+5:30
Merry Christmas: एक मान्यता के अनुसार सबसे पहले क्रिसमस 25 दिसंबर, 336 AD को मनाया गया। इसे रोमन शासक कोस्टेंटिन के शासन में मनाया गया था।

Merry Christmas 2019: क्रिसमस 25 दिसंबर को ही क्यों मनाते हैं?
Merry Christmas 2019:क्रिसमस का त्योहार हर साल 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इसे यीशु मसीह के जन्म के प्रतीक के तौर पर हर साल मनाया जाता है। हालांकि, क्या ये आपको मालूम है कि ईसाईयों के सबसे पवित्र ग्रंथ बाइबल में यीशु के जन्म के लेकर कोई तय तारीख दर्ज ही नहीं है। ऐसे में आखिर क्यों 25 दिसंबर को ही पूरी दुनिया में क्रिसमस डे मनाया जाता है, इसे लेकर कई तरह के मत हैं।
Merry Christmas: क्रिसमस 25 दिसंबर को क्यों मनाते हैं
पूर्व में कई बार क्रिसमस की तारीख को लेकर विवाद होते रहे हैं कि इसे कब मनाना चाहिए। कई जानकारों का मत है कि ईयर-1 में यीशु का जन्म नहीं हुआ है बल्कि उससे कुछ पहले हुआ हो। मसलन यीशु का जन्म 2 ईसा पूर्व और 7 ईसा पूर्व के बीच हुआ है। इसमें भी सबसे ज्यादा उम्मीद यही है कि यीशु के जन्म का सबसे करीबी साल 4 ईसा पूर्व रहा हो।
एक मान्यता के अनुसार सबसे पहले क्रिसमस 25 दिसंबर, 336 AD को मनाया गया। इसे रोमन शासक कोस्टेंटिन के शासन में मनाया गया था। कोस्टेंटिन पहले क्रिश्चन रोमन शासत थे। हालांकि, ये भी दिलचस्प है कि ये उत्सव रोमन शासक की ओर से आधिकारिक उत्सव नहीं था। इसके अलावा भी क्रिसमस को 25 दिसंबर को ही मनाने को लेकर कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं।
क्रिसमस को लेकर सबसे प्रचलित मान्यता ये है कि वह मार्च की 25 तारीख थी जब मैरी ने ये बताया कि जल्द ही उनका एक विशेष बच्चा पैदा होने वाला है। इसे Annunciation भी कहा जाता है और इसे अब भी 25 मार्च को मनाया जाता है। इसी तारीख के नौ महीने बाद यानी 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने की परंपरा शुरू हुई।