महाशिवरात्रि के त्योहार का कश्मीरी पंडितों के लिए होता है खास महत्व, पिछले एक महीने से चल रही तैयारी

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: February 28, 2022 13:23 IST2022-02-28T13:22:31+5:302022-02-28T13:23:13+5:30

कश्मीरी पंडित महाशिवरात्रि को 'हेरथ' के रूप में मनाते हैं। हेरथ शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका हिंदी अर्थ हररात्रि या शिवरात्रि होता है।

Mahashivratri has special significance for Kashmiri Pandits, know how it is celebrated in j&k | महाशिवरात्रि के त्योहार का कश्मीरी पंडितों के लिए होता है खास महत्व, पिछले एक महीने से चल रही तैयारी

महाशिवरात्रि के त्योहार का कश्मीरी पंडितों के लिए होता है खास महत्व (फाइल फोटो)

जम्मू: महाशिवरात्रि का त्योहार सोमवार को पूरे देश में मनाया जाएगा। कश्मीरी पंडितों का यह सबसे बड़ा त्योहार होता है और देश के अन्य हिस्सों की अपेक्षा इसे यहां ज्यादा धूमधाम से मनाया जाएगा।

कश्मीरी पंडित इसे हेरथ के रूप में मनाते हैं। हेरथ शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका हिंदी अर्थ हररात्रि या शिवरात्रि होता है। हेरथ को कश्मीरी संस्कृति के आंतरिक और सकारात्मक मूल्यों को संरक्षित रखने का पर्व भी माना जाता है।

कश्मीरी पंडित महाशिवरात्रि पर भगवान शिव सहित उनके परिवार की स्थापना घरों में करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से वटुकनाथ घरों में मेहमान बनकर रहते हैं। करीब एक महीने पहले से इसे मनाने की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।

कहने को 32 साल का अरसा बहुत लंबा होता है और अगर यह अरसा कोई विस्थापित रूप में बिताए तो उससे यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह अपनी संस्कृति और परंपराओं को सहेज कर रख पाएगा पर कश्मीरी पंडित विस्थापितों के साथ ऐसा नहीं है। वे बाकी परंपराओं को तो सहेज कर नहीं रख पाए लेकिन शिवरात्रि की परंपराओं को फिलहाल नहीं भूले हैं।

आतंकवाद के कारण पिछले 32 वर्ष से जम्मू समेत पूरी दुनिया में विस्थापित जीवन बिता रहे कश्मीरी पंडितों का तीन दिन तक चलने वाले सबसे बड़े पर्व महाशिवरात्रि का धार्मिक अनुष्ठान पूरी आस्था और धार्मिक उल्लास के साथ पूरा होगा। यह समुदाय के लिए धार्मिक के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक पर्व भी है।

समूचे जम्मू में बसे कश्मीरी पंडितों के घर-घर में पिछले एक हफ्ते से ही पूजा की तैयारी शुरू हो चुकी है। लोग घर की साफ-सफाई और पूजन सामग्री एकत्रित करने में व्यस्त हैं

कश्मीर घाटी में बर्फ से ढके पहाड़ और सेब तथा अखरोट के दरख्तों के बीच मनोरम प्राकृतिक वातावरण में यह पर्व मनाने वाले कश्मीरी पंडित अब छोटे-छोटे सरकारी क्वार्टरों और जम्मू की तंग बस्तियों में धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।

Web Title: Mahashivratri has special significance for Kashmiri Pandits, know how it is celebrated in j&k

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