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Mahashivratri 2023: जानें कब है महाशिवरात्रि? इस विधि से करें महादेव की पूजा होगी सारी मनोकामना पूरी

By अंजली चौहान | Updated: February 15, 2023 12:05 IST

महाशिवरात्रि के दिन अगर आप भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस दिन प्रात: काल उठे। मंदिर जाकर विधिविधान से भगवान की पूजा करें।

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ठळक मुद्देहिंदू पंचांग के अनुसार, 18 फरवरी को महाशिवरात्रि है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन उपवास करें।

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बेहद खास महत्व है। भगवान शिव के भक्त बेसब्री से महाशिवरात्रि का इंतजार करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस साल महाशिवरात्रि की तारीख को लेकर बहुत कंफ्यूज हैं कि 18 को महाशिवरात्रि है या फिर 19 को, तो इसका जवाब है हमारे पास है...जी हां, इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी, शनिवार को है।

हिंदू धर्म के अनुसार, इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की शादी हुई थी। ऐसे में इस दिनों शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और भक्त भगवान का जलाभिषेक करते हैं। इस दिन देश के मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया जाता है। कई मंदिरों में शिव-पार्वती का विवाह कराया जाता है। कुवारी हो या शादी-शुदा सभी महिलाएं एंव पुरुष भगवान शिव के नाम का व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। 

क्या है महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त? 

हिंदू पंचांग के मुताबिक, साल 2023 में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 18 फरवरी 2023 को 08 बजकर 02 मिनट पर होगी और इसका समापन 19 फरवरी 2023 को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर होगा। महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल यानी रात में की जाती है। 

जानें पूजनविधि 

महाशिवरात्रि के दिन अगर आप भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस दिन प्रात: काल उठे। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और नए कपड़े पहन कर तैयार हो जाए। इसके बाद मंदिर में जाकर शिवलिंग पर पंचामृत से स्नान कराएं। पंचामृत में दूध, गंगाजल, दही, शहद, गन्ने के रस को शामिल कर शिवलिंग पर इसे अर्पित करें। इसके बाद चंदन का तिलक लगाएं, दीपक जलाएं।

बेलपत्र, धतूरा, भांग, फल, मिठाई, इत्र आदि को भगवान शिव को अर्पित करें। पूजा के दौरान शिव मंत्र का जाप करें। आखिरी में आरती करते हुए माता पार्वती और शिव से कामना करें। पूजा के बाद संकल्प लेकर पूरे दिन का व्रत रखें। ध्यान रहे आपको नमक से बनी कोई चीज नहीं खानी है केवल फल खाएं और जूस पीए। अलगे दिन पूरे विधिविधान से पूजा करके व्रत को खोलें। 

(Disclaimer: इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी/सामग्री की विश्वसनीयता की LokmatHindi पुष्टि नहीं करता है। कृपया इसमें दी गई जानकारी को मानने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।)

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