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महाशिवरात्रि 2023: भगवान शिव की पूजा में इन 5 चीजों का भूलकर भी नहीं करें इस्तेमाल, जानिए इस बारे में

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 15, 2023 13:05 IST

महाशिवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान और माता पार्वती का विवाह हुआ था। भगवान शिव की पूजा में जंगली फूल-पौधों सहित भांग, धतूरा, बेर चंदन, बेल पत्र का इस्तेमाल किया जाता है। जानिए किन चीजों का इस्तेमाल शिवजी की पूजा में नहीं करना चाहिए।

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Maha Shivaratri 2023: महाशिवरात्रि का त्योहार इस बार 18 फरवरी को है। हिंदू धर्म में इस दिन का बहुत महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती से हुआ था। महाशिवरात्रि पर रात में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का बहुत महत्व है। भक्त रात भर जागते हैं और भोले शंकर की अराधना करते हैं। मंदिरों को सजाया जाता है।

इस दिन भगवान शिव पर जल चढ़ाने की विशेष परंपरा है। हालांकि मान्यताओं के अनुसार कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिनका इस्तेमाल शिव पूजा में नहीं किया जाना चाहिए। आईए, आज हम आपको ऐसी ही पांच चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल भगवान शंकर की पूजा में नहीं किया जाना चाहिए।

भगवान शिव की पूजा में ये पांच चीजें नहीं करें इस्तेमाल

1. तुलसी: हिंदू धर्म में तुलसी पौधे और इनके पत्तों का बहुत महत्व है। कई शुभ मौकों पर इसका इस्तेमाल होता है। हालांकि भगवान शंकर पर पूजा के समय भूलकर भी तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए। वहीं, भगवान विष्णु से जुड़ी पूजा में इसका इस्तेमाल आवश्यक है।

2. नारियल: भगवान शिव की पूजा में नारियल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। नारियल का संबंध माता लक्ष्मी से है। इसलिए नारियल का पानी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाएं। भगवान विष्णु की पूजा में इसका इस्तेमाल जरूर किया जाता है।

3. केतकी और केवड़े का फूल: शिवजी को केतकी के फूल भी अर्पित नहीं करने चाहिए। इसके पीछे एक रोचक पौराणिक कथा है। दरअसल ब्रह्माजी और विष्णुजी के बीच श्रेष्ठ कौन है, इसे लेकर विवाद हो गया था। ब्रह्मा जी ने तब खुद को श्रेष्ठ बताने और शिवलिंग के छोर तक पहुंचने के दावे के लिए केतकी के फूल को साक्षी बताया था। केतकी पुष्प के झूठा साक्ष्य देने पर शिवजी ने नाराज होकर उसके अपने पूजा में कभी इस्तेमाल नहीं होने की बात कही थी।

4. शंख: भगवान शंकर की पूजा में शंख का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। एक पौराणिक कथा के अनुसार शिवजी ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था। शंख को शंखचूड़ का ही प्रतीक माना गया है। कहते हैं कि शंखचूड़ भगवान विष्णु का भक्त था।

5. तिल: तिल का इस्तेमाल भी भगवान शिव की पूजा में नहीं किया जाता है। शिवलिंग पर इसे कभी नहीं चढ़ाएं। मान्या है कि तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ है। इसलिए इसे शिवजी को अर्पित नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही शिवजी को हल्दी और कुमकुम भी अर्पित नहीं किया जाता है।

अब जान लीजिए कि शंकरजी की पूजा में किन चीजों का इस्तेमाल करें। शिवजी की पूजा में भांग, धतूरा, बेर चंदन, बेल पत्र, फल और फूल आदि का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। कहा जाता है कि ये सब उनके प्रिय हैं। वहीं, माता पार्वती के लिए सुहागन महिलाएं सुहाग की प्रतीक जैसे चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर आदि अर्पित कर सकती हैं। 

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