महाभारत: युद्ध के बीच श्रीकृष्ण ने जब तोड़ा अर्जुन का घमंड, पर क्यों आई थी ऐसी नौबत, जानें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 18, 2019 09:15 AM2019-12-18T09:15:02+5:302019-12-18T19:11:52+5:30

अर्जुन और कर्ण के बीच आमना-सामना महाभारत युद्ध के 17वें दिन हुआ। दोनों के बीच भयंकर युद्ध चल रहा था। अर्जुन जैसे ही बाण मारते, कर्ण का रथ बहुत दूर तक पीछे चला जाता।

Mahabharata story in Hindi When Shri Krishna broke Arjuna ego during Karna Killings | महाभारत: युद्ध के बीच श्रीकृष्ण ने जब तोड़ा अर्जुन का घमंड, पर क्यों आई थी ऐसी नौबत, जानें

Mahabharata: अर्जुन ने जब किया कर्ण का वध

Highlightsमहाभारत युद्ध में अर्जुन और कर्ण के बीच युद्ध के दौरान हुई दिलचस्प घटनाश्रीकृष्ण के कर्ण के तारीफ करने पर अर्जुन ने पूछे थे सवाल, पर भगवान जवाब सुन हो गये हैरान

महाभारत में अर्जुन एक नायक के तौर पर देखे जाते हैं। उन्होंने भीष्म पितामह, कर्ण, जयद्रथ सहित कई महारथियों का वध किया और पांडवों को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि, इस दौरान कई ऐसे मौके रहे जहां श्रीकृष्ण ने अर्जुन को राह दिखाई। यही नहीं, कुछ मौकों पर जब अर्जुन अधीर हुए और अहंकार के वश में आते दिखे तो श्रीकृष्ण ने उसी क्षण इसे नष्ट भी किया। ऐसा ही एक वाकया कर्ण और अर्जुन के बीच युद्ध के दौरान का भी है।

महाभारत युद्ध में अर्जुन और कर्ण का आमना-सामना

अर्जुन और कर्ण के बीच आमना-सामना महाभारत युद्ध के 17वें दिन हुआ। दोनों के बीच भयंकर युद्ध चल रहा था। अर्जुन जैसे ही बाण मारते, कर्ण का रथ बहुत दूर तक पीछे चला जाता। वहीं, कर्ण की ओर से जब बाण चलते तो अर्जुन का रथ केवल 7 कदम पीछे जा पाता। दोनों एक-दूसरे पर लगातार बाण चला रहे थे। हालांकि, जैसे ही कर्ण बाण चलाते श्रीकृष्ण उनकी तारीफ करने लगते। 

अर्जुन ने पहले तो इसे नजरअंदाज किया लेकिन जल्द ही वे बेचैन हो गये। श्रीकृष्ण के बार-बार तारीफ करने पर अर्जुन ने उनसे पूछ लिया कि वे कर्ण की तारीफ क्यों कर रहे हैं। अर्जुन ने पूछा कि उनका रथ तो केवल 6 से 7 कदम ही पीछे जा रहा है लेकिन उनके बाण से तो कर्ण का रथ बहुत दूर तक पीछे चला जा रहा है।

इस पर कृष्ण ने जवाब देते हुए कहा कि हमारे रथ पर हनुमान और स्वयं मैं मौजूद हूं जबकि कर्ण के रथ पर तो केवल राजा शैल्य सारथी के तौर पर हैं। ऐसे में कर्ण का इस रथ को 7 कदम पीछे भी ले जाना भी बड़ी बात है। कृष्ण ने कहा कि अगर वे या हनुमान रथ पर नहीं होते तो इस रथ का अस्तित्व भी नहीं रहा होता। ये सुनकर अर्जुन को बहुत ग्लानि हुई।

महाभारत युद्ध के बाद अर्जुन के रथ में लगी आग

आम तौर पर हर दिन कृष्ण रथ से पहले उतरते और सारथी धर्म का पालत करते हुए अर्जुन को उतरने देते। हालांकि,
महाभारत का युद्ध जब खत्म हुआ तो भगवान श्रीकृष्ण ने पहले अर्जुन को उनके गांडीव के साथ उतरने को कहा और दूर चले जाने को कहा। अर्जुन मान गये। इसके बाद श्रीकृष्ण भी उतरे। उनके कुछ दूर जाते ही रथ के ध्वज पर सवार हनुमान जी भी अंतर्ध्यान हो गये।

इतना होते ही रथ में अचानक आग लग गई और वह राख में बदल गया। यह दृश्य देख अर्जुन हैरान रह गये और श्रीकृष्ण से इसका कारण पूछा। इस पर भगवान ने कहा ये रथ तो पहले ही भीष्म पितामह, गुरु द्रोण और कर्ण जैसे महारथी योद्धाओं के दिव्यबाणों से जल चुका था और केवल इसलिए चल रहा था क्योंकि इस पर स्वयं मै बैठा था और ऊपर पताका में हनुमान जी विराजमान थे। ये सुनकर एक बार फिर अर्जुन को एक बार फिर अहसास हुआ कि उनकी और पांडवों की जीत में श्रीकृष्ण की भूमिका अहम रही।

English summary :
In the Mahabharata, Arjuna is seen as a hero. He killed many nobles including Bhishma Pitamah, Karna, Jayadratha and played an important role in winning the Pandavas.


Web Title: Mahabharata story in Hindi When Shri Krishna broke Arjuna ego during Karna Killings

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