महाभारत की लड़ाई खत्म होते ही अर्जुन के रथ में लग गई थी आग और जल गया सबकुछ, आखिर क्यों हुआ ऐसा

By विनीत कुमार | Published: February 27, 2020 11:27 AM2020-02-27T11:27:51+5:302020-02-27T11:43:33+5:30

अर्जुन का रथ ऐसा था जो किसी भी दिशा और किसी भी लोक में जा सकता था। यह ऐसा रथ था जिसके ऊपर महाभारत युद्ध के दौरान पताका में हनुमानजी विराजमान थे और इसके सारथी स्वयं श्रीकृष्ण थे।

Mahabharata in Hindi why Arjuna's chariot gets fire after war against kauravas | महाभारत की लड़ाई खत्म होते ही अर्जुन के रथ में लग गई थी आग और जल गया सबकुछ, आखिर क्यों हुआ ऐसा

महाभारत युद्ध के बाद अर्जुन के रथ में लग गई थी आग

Highlightsमहाभारत युद्ध खत्म होते ही अर्जुन के रथ में लग गई थी आगअग्नि देव से मिला था अर्जुन को दिव्य रथ, इसमें चार घोड़े बंधे थे

महाभारत में कई दिलचस्प कहानियों के बीच अर्जुन के दिव्य रथ से जुड़ी भी एक बेहद दिलचस्प कथा है। कथा के अनुसार जब महाभारत का युद्ध खत्म हुआ तो इसमें आग लग गई थी। इस कारण सबकुछ जल गया।

अच्छी बात ये रही कि आग लगने से पहले अर्जुन समेत श्रीकृष्ण उस रथ से उतर कर दूर जा चुके थे। इस रथ के बारे में कहते हैं कि ये ऐसा रथ था जो जररूत पड़ने पर किसी भी दिशा और किसी भी लोक में भ्रमण कर सकता था। फिर ऐसा क्या हुआ कि ये दिव्य रथ युद्ध के बाद जलकर खाक हो गया?

अर्जुन के रथ में थी विशेष बात

यह ऐसा रथ था जिसके ऊपर महाभारत युद्ध के दौरान पताका में हनुमानजी विराजमान थे और इसके सारथी स्वयं श्रीकृष्ण थे। यही नहीं, शेषनाग ने पृथ्वी के नीचे से अर्जुन के रथ के पहियों को पकड़ रखा था ताकि इस महत्वपूर्ण युद्ध में एक पल के लिए रथ का संतुलन नहीं बिगड़े।

जब अर्जुन के रथ में लगी आग

कथा के अनुसार महाभारत का युद्ध जब समाप्त हुआ तो अर्जुन ने श्रीकृष्ण से पहले रथ से उतरने की प्रार्थना की। इस पर भगवान श्रीकृष्ण ने पहले अर्जुन को उनके गांडीव के साथ उतरने को कहा।

अर्जुन ने भगवान की बात मानी और रथ से उतर गये। इसके बाद श्रीकृष्ण भी उतरे और अर्जुन को रथ से दूर ले गये। इसी दौरान हनुमान जी भी रथ के ऊपर से अंतर्ध्यान हो गये और शेषनाग भी पाताल लोक में समा गये।

इसके बाद रथ में अचानक आग लग गई और राख में बदल गया। यह दृश्य देख अर्जुन हैरान रह गये और श्रीकृष्ण से इसका कारण पूछा।

इस पर भगवान कृष्ण ने कहा, 'अर्जुन, ये रथ तो पहले ही भीष्म पितामह, गुरु द्रोण और कर्ण से महारथी योद्धाओं के दिव्यबाणों से जल चुका था। ये रथ तो केवल इसलिए चल रहा था क्योंकि इस पर स्वयं मै बैठा था और ऊपर पताका में हनुमान जी विराजमान थे। अब चूकी इस रथ का काम पूरा हो चुका है इसलिए ये जलकर भस्प हो गया।

अग्नि देव से मिला था अर्जुन को दिव्य रथ

अर्जुन ने जिस रथ पर सवार होकर महाभारत का युद्ध लड़ा था उसे भगवान अग्नि की ओर से दिया गया था। वहीं वरुण देव ने अर्जुन को गांडीव धनुष दिया था। अग्नि देव ने अर्जुन को जो दिव्य रथ दिया जिसमें चार घोड़े बंधे थे और उसमें किसी भी लोक तक जाने की क्षमता थी।

Web Title: Mahabharata in Hindi why Arjuna's chariot gets fire after war against kauravas

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे