महाभारत युद्ध के कितने साल बाद श्रीकृष्ण की हुई मृत्यु, क्या थी तारीख और क्या थी उनकी उम्र! हैरान कर देंगे ये दावे
By विनीत कुमार | Published: March 16, 2020 03:38 PM2020-03-16T15:38:29+5:302020-03-17T08:59:20+5:30
ऐसी मान्यता है कि श्रीकृष्ण के धरती छोड़ने के ही दिन कलियुग का आगमन हुआ था। उनकी महाभारत की लड़ाई और फिर मृत्यु के दौरान उम्र को लेकर कई तरह के दावे हैं, जो बेहद दिलचस्प हैं।
Mahabharat: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापरयुग में हुआ था। उनकी सबसे बड़ी भूमिका महाभारत की लड़ाई में नजर आती है। कौरवों के खिलाफ पांडव की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले श्रीकृष्ण ने उस काल में अधर्म पर धर्म की जीत का संदेश दिया।
हालांकि, क्या आप जानते हैं श्रीकृष्ण की मृत्यु कब और कैसे हुई? महाभारत की जब लड़ाई चल रही थी, उस समय उनकी उम्र क्या थी और किस तिथि को वे इस धरती को त्याग कर बैकुंठ चले गये। इन तमाम बातों को लेकर कई तरह के विरोधाभास हैं और जानकारों के अपने-अपने मत हैं। आईए जानते हैं।
महाभारत: खत्म हो गया था श्रीकृष्ण का वंश!
कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध 18 दिनों तक चला। इस दौरान 100 कौरव भाईयों समेत कई महारथी वीरगति को प्राप्त हुए। इसी युद्ध के बाद श्रीकृष्ण को गांधारी से एक श्राप मिला। कहते हैं इसी के कारण श्रीकृष्ण को पृथ्वीलोक छोड़ना पड़ा। साथ ही इसके कुछ वर्षों के बाद द्वारका नगरी भी नष्ट हो गई।
महाभारत की कथा के अनुसार युद्ध के बाद गांधारी अपने पुत्रों के मारे जाने का विलाप कर रही थीं। गांधारी का मानना था कि इस युद्ध के जिम्मेदार श्रीकृष्ण हैं क्योंकि अगर वे चाहते को इसे रोका जा सकता था। ऐसे में श्रीकृष्ण युद्ध के बाद जब द्वारका लौटने लगे तो वे माता गांधारी का आशीर्वाद लेने उनके पास पहुंचे।
गांधारी उन्हें देखते ही आग बलूला हो गईं और श्राप दिया कि जिस तरह कुरु वंश का इस युद्ध में नाश हो गया, उसी तरह श्रीकृष्ण के यदु वंश का भी नाश हो जाएगा। श्रीकृष्ण इसके बाद द्वारका लौट गये। हालांकि, कुछ समय बाद गांधारी के श्राप ने आकार लेना शुरू कर दिया। उनके वंशजों में विवाद शुरू हो गये। आलम ये हुआ सभी आपस में ही एक-दूसरे के खिलाफ षडयंत्र रचने और मार-काट करने लगें। धीरे-धीरे यशुवंश का नाश हो गया।
महाभारत युद्ध के 36 साल बाद हुई श्रीकृष्ण की मृत्यु!
कथा के अनुसार बलराम यदुवंशियों का हाल देखकर बहुत हताश हुए और कृष्ण से कहा कि अब उनका मन पृथ्वी पर नहीं लग रहा और वे अपने लोक जाना चाहते हैं। श्री शेषनाग के अवतार बलराम ने इतना कहकर जल में समाधी ले ली।
श्रीकृष्ण ने भी इसके बाद कुछ दिन धरती पर व्यतीत किये। एक दिन वे वन में भ्रमण कर रहे थे और एक पेड़ के नीचे रूककर आराम करने लगे। इसी दौरान जरा नाम के एक शिकारी का तीर उनके पैर में आकर लगा। श्रीकृष्ण ने वहीं प्राण त्याग दिये और बैकुंठ लौट गये।
श्रीकृष्ण की क्या थी उम्र और किस तिथि को त्यागा देह
'विष्णु पुराण' और 'भागवत गीता' के आधार पर बताया गया है कि श्रीकृष्ण की मृत्यु महाभारत युद्ध खत्म होने के करीब 36 साल बाद हुई। उनकी उम्र को लेकर काफी विरोधाभास हैं। हिंदू धर्म से जुड़े शास्त्रों और धार्मिक पुस्तकों में श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी घटनाओं की कुछ तारीखों आदि को आधार बनाकर कुछ जानकार दावा करते हैं कि जब उनकी मृत्यु हुई, तब उनकी उम्र 125 साल सात महीने और छह दिन थी। यही नहीं, उनके मृत्यु का समय भी दिन में बजकर 27 मिनट और 30 सेकेंड बताया जाता है।
गुजरात के सोमनाथ के करीब प्रभास पाटन में साल 2004 में एक सम्मेलन में जानकारों ने कुछ शोध आदि के आधार पर ये जानकारियां सामने रखी थी। प्रभास पाटन के बारे में कहा जाता है कि यही वो जगह है जहां श्रीकृष्ण को जरा नाम के शिकारी ने गलती से बाण मार दिया था। यहां श्रीकृष्ण जी का एक मंदिर भी मौजूद है।
कुछ जानकार ये भी दावा करते हैं कि 'मत्सय पुराण' में इसका जिक्र है कि महाभारत की लड़ाई के समय श्रीकृष्ण की उम्र 89 साल थी।
ऐसी भी मान्यता है कि श्रीकृष्ण के धरती छोड़ने के ही दिन कलियुग का आगमन हुआ था। प्रसिद्ध एस्ट्रोलॉजर अरुण के बंसल के अनुसार श्री विष्णु पुराण के 38वें अध्याय में इस बारे में जिक्र है। ऐसे ही श्रीमद भागवत पुराण के अध्याय 6 के भाग-11 में एक उल्लेख है जहां ब्रह्मां स्वयं कहते हैं कि श्रीकृष्ण को जन्म लिए 125 साल हो चुके हैं। ये कृष्ण की मृत्यु से ठीक पहले के घटनाक्रम का जिक्र करते हैं।
श्रीकृष्ण की मृत्यु की तारीख को लेकर भी अलग-अलग तथ्य मौजूद हैं। वेद व्यास की ओर से दी गई ज्योतिष संबंधी सूचनाओं (नक्षत्र-तारों की तब की स्थिति) के अनुसार भगवान कृष्ण की मृत्यु 13 अप्रैल 3031 (ईसा पूर्व) को हुई। वहीं, कुछ जानकार इसे 18 फरवरी, 3102 भी बताते हैं। चैत्र माह के पहले दिन को भी श्रीकृष्ण की मृत्यु का दिन बताया जाता रहा है।