Lakshmi Jayanti 2020: धन और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी की जयंती हर साल फाल्गुन पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस बार ये तिथि 9 मार्च को है। इसी दिन होलिका दहन भी है जिसके अगले दिन रंगों का त्योहार होली मनाने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि फाल्गुन पूर्णिमा के दिन ही समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था।
लक्ष्मी जयंती का त्योहार मुख्य तौर पर दक्षिण भारत में मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से उसका जीवन सुख-सुविधाओं से हमेशा भरा रहता है। उत्तर भारत में लक्ष्मी जी की पूजा मुख्य तौर पर दीपावली के दिन की जाती है।
Lakshmi Jayanti 2020: माता लक्ष्मी की जन्म कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार लक्ष्मी जी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुई थी। कथा के अनुसार देवताओं और राक्षसों ने मिलकर तब एक साथ समुद्र मंथन करने की ठानी। इस मंथन से एक-एक कर 14 रत्न निकले। इसी में से एक माता लक्ष्मी भी थीं। माता लक्ष्मी जब बाहर निकली तो उनके एक हाथ में कलश और दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। मंथन से उत्पन्न होने के बाद उन्होंने भगवान विष्णु को पति रूप में धारण किया। माता लक्ष्मी जिस दिन उत्पन्न हुईं वह फाल्गुन मास की पूर्णिमा का दिन था। इसलिए इस दिन लक्ष्मी जयंती मनाई जाती है।
Lakshmi Jayanti 2020: माता लक्ष्मी की पूजा विधि
इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नान आदि कर साफ कपड़े पहनें। इसके बाद पूजा की तैयारी शुरू करें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और माता लक्ष्मी और विष्णु जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
इसके बाद उनकी विधिवत पूजा करें। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें शहद में डुबे हुए कमल के फूल अर्पित करें। साथ ही माता लक्ष्मी को श्रृंगार की वस्तुएं भी चढ़ाएं। धी का दीपक जलाएं और खीर सहित मिष्ठान का भोग लगाएं।