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मौत के देवता यमराज को हो गया था घमंड, क्रोधित महादेव ने दिया ये श्राप-पढ़ें पौराणिक कथा

By मेघना वर्मा | Updated: May 12, 2020 11:34 IST

यमराज प्राणों के देवता है पर क्या आप जानते हैं यमराज को भी एक बार अपने प्राणों को गंवाना पड़ा था सिर्फ यही नहीं यमराज को भगवान शिव के क्रोध का और श्राप का शिकार भी होना पड़ा था।

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ठळक मुद्देयम को अपने रूप का घमंड हो गया। मार्कंडेपुराण के अनुसार यमराज को सूर्य का पुत्र कहा जाता है।

यमराज को मृत्यु का देवता माना जाता है। हिन्दू मान्यताओं में ये बताया जाता है कि मृत्यु के बाद हर व्यक्ति को स्वर्ग या नर्क जाना पड़ता है यहां यमराज सभी को उनके कर्मों के अनुसार स्वर्ग या नर्क में जगह देते हैं। सभी को पता है कि यमराज प्राणों के देवता है पर क्या आप जानते हैं यमराज को भी एक बार अपने प्राणों को गंवाना पड़ा था सिर्फ यही नहीं यमराज को भगवान शिव के क्रोध का और श्राप का शिकार भी होना पड़ा था। आइए आपको बताते हैं क्या है पौराणिक कथा-

सूर्य के पुत्र हैं यमराज

मार्कंडेपुराण के अनुसार यमराज को सूर्य का पुत्र कहा जाता है। बताया जाता है कि एक बार विश्वकर्मा ने सूर्य को देखकर अपनी आंखें बंद कर ली थीं। पति सूर्य देव को इस बात पर बहुत क्रोध आया। इसी के बाद गुस्से में आकर उन्होंने पत्नी को श्राप दिया कि तुम्हारा पुत्र प्राण लेने वाला होगा। 

यम और यमुना

इसके बाद सूर्य देव के श्राप की वजह से संज्ञा को दो जुड़वा पुत्र और पुत्री हुए। जिनका नाम यम और यमुना रखा गया। बताया जाता है कि यम बचपन में बहुत सुंदर थे। जिन्हें देखकर सभी मोहित हो जाया करते थे। यम को इस बात का घमंड हो गया था। 

भगवान शिव ने दिया श्राप

वहीं यम को अपने रूप का घमंड हो गया। इस वजह से वह अपना कार्य ढिलाई से करने लगे। पूरी सृष्टी में उस समय अंधकार छाने लगा, पापी और दुष्टों को मृत्यु का भय नहीं रहा। जब सभी देव इससे परेशान हो गए तो वह भगवान शिव की शरणों में गए। शिव को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने यम को श्राप दिया कि उनका रूप, कुरूप में बदल जाएगा। 

मिली भैंस की सवारी

ये भगवान शिव के श्राप का ही असर था कि यमराज हरी त्वचा और लाल आंख हो गई। इसी के साथ यम तभी से भैंस की सवारी करने लगे। पुराणों में यमराज के कई नाम बताए गए हैं- यम, धर्मराज, मृत्यु, वैवस्वत, काल, सर्वभूत्क्ष, औदुंबर, दहन, नील, परमेष्टि, वृकोदर आदि। 

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